'भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में जो हुआ, उसके लिए चीन को दशकों तक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी'

पूर्वी लद्दाख में चीन की धोखेबाजी के लिए उसे दशकों तक भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों की माने तो पूर्वी लद्दाख में पिछले कुछ महीनों में चीन ने जो किया, उसने बीजिंग के असली चेहरे को उजागर कर दिया है।

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन की धोखेबाजी के लिए उसे दशकों तक भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों की माने तो पूर्वी लद्दाख में पिछले कुछ महीनों में चीन ने जो किया, उसने बीजिंग के असली चेहरे को उजागर कर दिया है।

चीन ने खुद की निगेटिव छवि पेश की
विशेषज्ञों ने अमेरिका के साथ चीन के टैरिफ वॉर का भी जिक्र किया। पूर्व सेनाध्यक्ष जीटी गुरमीत सिंह ने कहा, पूर्वी लद्दाख में आक्रामक सैन्य व्यवहार का सहारा लेकर चीन ने भारी गलती की है। जब दुनिया कोरोनो महामारी का सामना कर रही है, तब चीन ने खुद की एक निगेटिव छवि पेश की है। उन्होंने कहा, 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के लिए कई दशकों तक चीन को भुगतना होगा।

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राजनीतिक लाभ के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का इस्तेमाल
चीन ने भारत और अन्य देशों के साथ अपने संबंध खराब कर लिए हैं। उन्होंने कहा, की जिस तरह से चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ क्रूरता की, उससे चीन की छवि बहुत खराब हुई है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सिर्फ एक राजनीतिक बल है। यह सैन्य मानकों के हिसाब से काम नहीं करती है। 

चीन खुद को दुनिया से अलग-थलग करता जा रहा
पूर्व सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने भी कहा कि चीन ने गलवान में जो किया, उससे खुद को अलग-थलग कर रहा है। चीन को इसके लिए भारी राजनयिक और आर्थिक कीमत चुकानी होगी। चीन अपनी हरकतों से खुद को एकदम अलग करता जा रहा है। 

ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन का व्यापार संकट बढ़ा
लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने हांगकांग, दक्षिण चीन सागर के साथ-साथ पूर्वी चीन सागर में क्या हो रहा है, इसके बारे में बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंताओं का भी उल्लेख किया। जनरल साहा ने चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के बारे में भी बात की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन के व्यापार संकट का भी उल्लेख किया। 

15 जून को गलवान में हुई थी हिंसक झड़प
भारतीय और चीनी सेनाएं पिछले छह हफ्तों से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर डटी हैं। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बाद तनाव कई गुना बढ़ गया था। 

अलर्ट पर भारतीय सैनिक
भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम सहित विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान और अपाचे हेलीकॉप्टरों को लेह और श्रीनगर सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों पर तैनात किया है।

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