सिटिजनशिप बिल पर असम में आक्रोश, उग्र प्रदर्शन में एक नवजात की मौत, 20 जख्मी

मंगलवार को सिटिजनशिप बिल के विरोध में लोगों ने हिंसक होकर प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। लोग सड़कों पर मार्च निकाल रहे हैं वहीं छात्र संगठन ने 11 घंटे के बंद का भी ऐलान किया था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2019 4:14 AM IST / Updated: Dec 11 2019, 09:53 AM IST

गुवाहाटी. असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हो रहे उग्र विरोध प्रदर्शन में हुए लाठीचार्ज के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई है। मंगलवार को सिटिजनशिप बिल के विरोध में लोगों ने हिंसक होकर प्रदर्शन किया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। लोग सड़कों पर मार्च निकाल रहे हैं वहीं छात्र संगठन ने 11 घंटे के बंद का भी ऐलान किया था।

राजधानी गुवाहाटी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया, कुछ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लाठीचार्ज भी किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान कम से कम 6 लोग जख्मी हो गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के पुतले भी जलाए।

20 लोग जख्मी- 

वहीं सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में जोरहाट, गोलाघाट और नगांव में पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई। कई जगहों पर हुई हिंसक झड़प में अब तक 20 लोग जख्मी हो चुके हैं, वहीं एक नवजात की मौत होने की भी खबर सामने आ रही है। नवजात को अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई।

धारा 144 लागू 

इधर, गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्तियों के साथ कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इस बीच, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी सहित कई स्थानों पर सुरक्षा तैनाती बढ़ गई है। दूसरी ओर, बिल के खिलाफ चल रहे विरोध के बाद जिला प्रशासन ने असम के तिनसुकिया, सोनितपुर और लखीमपुर समेत कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। राज्य में गुवाहाटी विश्वविद्यालय और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

 

8 ट्रेनों को रद्द किया गया

भारतीय रेलवे ने कहा कि असम में तिनसुकिया डिवीजन में विभिन्न संगठनों और संघों के अनिश्चितकालीन 'रेल रोको' (ट्रेनों को रोकना) आंदोलन के कारण 8 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि छात्र संगठनों की तरफ से नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मंगलवार को संयुक्त रूप से 11 घंटे का बंद बुलाया गया था। कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इसे अपना समर्थन दिया था। इस बंद के आह्वान के मद्देनजर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, इसके बावजूद कई जगह विरोध प्रदर्शन में झड़प देखने को मिली।

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