यात्रा से पहले भी अमरनाथ गुफा के करीब फटे थे बादल, यहां फिर ऐसे ही खतरे का अलर्ट, Heart Breaking Videos

अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ के बाद जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, वो दिल दहलाने वाले हैं। हालांकि यहां ऐसी बारिश पहली बार नहीं हुई है, साल के शुरुआत में ही ऐसा ही हुआ था। पढ़िए मौसम विभाग की चेतावनी...

श्रीनगर. दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने(cloudburst near the holy cave shrine of Amarnath) से बाढ़ के बाद जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं, वो दिल दहलाने वाले हैं। इस बीच मौसम विभाग ने यहां फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बता दें बाढ़ से तंबू और कम्यूनिटी किचन में कीचड़ और चट्टानें गिर गईं। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स(NDRF) के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि उनकी एक टीम पहले से ही प्रभावित इलाके में मौजूद है और आसपास के बरारी मार्ग और पंचतरणी स्थानों से दो और वहां पहुंच गए हैं। करवाल ने कहा, "हमारे पास यहां तीन टीमें हैं। 75 रेस्क्यू टीमें एक्शन मोड में हैं।"

बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी भेजा गया है। ITBP ने लोअर होली गुफा से पंजतरणी तक अपने मार्ग खोलने और सिक्योरिटी का इंतजाम किया है। निकासी आज तड़के 3.38 बजे तक जारी रही। अब कोई भी यात्री ट्रैक पर नहीं बचा है। अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों के साथ वहां मौजूद बीएसएफ के डॉक्टर ने मरीजों को प्राइमरी ट्रीटमेंट और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन Cardiopulmonary resuscitation (CPR) दिया गया। 9 मरीजों का इलाज किया गया, जो गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें कम ऊंचाई वाले नेलग्राथ बेस कैंप में रेस्क्यू किया गया था।

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43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई। 2019 में केंद्र द्वारा धारा 370 निरस्त करने से पहले यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया गया था। तीर्थयात्रा 2020 और 2021 में कोविड महामारी के कारण नहीं हुई थी। 

इस तरह मचाई थी तबाही
तीर्थयात्रियों के भोजन परोसने वाले 25 टेंट और तीन कम्यूनिटी किचन को नुकसान पहुंचाते हुए पानी तीर्थस्थल के बाहर बेस कैम्प में घुस गया। घायलों की सहायता के लिए सोनमर्ग और अन्य जगहों पर अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं। प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद के लिए दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर और दिल्ली के अनंतनाग में हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने के अलावा कमिश्नर (कश्मीर) के प्रभार में एक कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए एडवांस हल्के हेलीकाप्टरों को भी सेवा में लगाया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पानी टेंटों के बीच से बहता हुआ आता है, तो लोग गैस स्टोव और कंबल लेकर सुरक्षित जगहों की ओर भागते हैं। रेस्क्यू टीम नंगे हाथों से खुदाई करते हुए देखी गई, ताकि चट्टान और मिट्टी के मलबे के नीचे जीवित बचे लोगों को बाहर निकला जा सके। ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने कहा कि टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि वह बादल फटने से लोगों की मौत के बारे में जानकर व्यथित हैं। कोविंद ने ट्वीट किया, "शोकग्रस्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। फंसे हुए लोगों की मदद के लिए राहत और बचाव के उपाय जोरों पर हैं। मैं प्रार्थना करता हूं और उम्मीद करता हूं कि यात्रा जल्द ही फिर से शुरू हो।"

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, "श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को फौरन रेक्यू और राहत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास हुई मौत और तबाही अत्यधिक स्थानीय बारिश की घटना के कारण हुई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्रवार को शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े छह बजे के बीच मंदिर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई। श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, ऐसा केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक अत्यधिक स्थानीय बादल(highly localised cloud) की सक्रियता से हुआ। इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी। कोई अचानक बाढ़ नहीं आई है। लोटस ने कहा कि अमरनाथ गुफा के पास पहाड़ के ऊंचे इलाकों में भीषण बारिश की संभावना है।  

हेल्पलाइन नंबर
NDRF:

011-23438252
011-23438253

Kashmir Divisional Helpline:
0194-2496240

Shrine Board Helpline:
0194-2313149

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