उच्चतम न्यायालय ने देशभर में सामुदायिक रसोई बनाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर हलफनामा दायर नहीं करने को लेकर कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सोमवार को झाड़ लगाई।
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने देशभर में सामुदायिक रसोई बनाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर हलफनामा दायर नहीं करने को लेकर कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सोमवार को झाड़ लगाई।
SC ने सामुदायिक रसोई बनाने का समर्थन किया था
न्यायमूर्ति एन वी रमणा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगले 24 घंटे में हलफनामा दायर करने वाले राज्यों को एक लाख रुपये जमा करने होंगे जबकि इतने समय में ऐसा नहीं करने वालों को पांच लाख रुपये देने होंगे। पांच राज्यों-पंजाब, नगालैंड, कर्नाटक, उत्तराखंड तथा झारखंड और दो केंद्रशासित प्रदेशों - अंडमान निकोबार एवं जम्मू कश्मीर ने जनहित याचिका पर अपना जवाब दायर किया है। न्यायालय ने 18 अक्टूबर को सामुदायिक रसोई बनाने का समर्थन किया था और कहा था कि भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए देश को इस प्रकार की प्रणाली की आवश्यकता है।
एक जनहित याचिका पर जवाब मांगते हुए SC ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया था
याचिका में न्यायालय से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भुखमरी और कुपोषण का मुकाबला करने के लिए सामुदायिक रसोई की योजना तैयार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि हर रोज भुखमरी और कुपोषण के चलते पांच साल तक के कई बच्चों की जान चली जाती है तथा यह दशा नागरिकों के भोजन एवं जीवन के अधिकार समेत कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
अनुन धवन, इशान धवन और कुंजना सिंह ने यह जनहित याचिका दायर कर न्यायालय से सार्वजनिक वितरण योजना के बाहर रह गए लोगों के लिए केंद्र को राष्ट्रीय फूड ग्रिड तैयार करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)