भाई की अयोग्यता पर आग-बबूला हुईं प्रियंका, बोलीं- शहीद PM का बेटा नहीं कर सकता देश का अपमान, इस मिट्टी में है हमारे पिता का खून

प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि मेरे पिता का खून इस देश की मिट्टी में है। एक शहीद का बेटा जिसने देश की एकता के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा की वह देश का अपमान नहीं कर सकता।

 

Vivek Kumar | Published : Mar 26, 2023 8:19 AM IST

नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में सजा मिलने के चलते कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। इसके खिलाफ कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। इसी क्रम में पार्टी की ओर से राजघाट पर 'संकल्प सत्याग्रह' किया। इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान वह भाई राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने के चलते आग-बबूला नजर आईं। प्रियंका ने अपने पिता राजीव गांधी की मौत को याद किया और कहा कि इस देश की मिट्टी में उनका खून है। शहीद पीएम का बेटा देश का अपमान नहीं कर सकता।

प्रियंका गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने राष्ट्रीय एकता के लिए हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा की। अब वक्त आ गया है कि अहंकारी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाए। राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से रोकना देश और इसके लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। प्रियंका ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को उद्योगपति गौतम अदाणी के मामले में प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के लिए अयोग्य किया गया।

प्रियंका बोलीं-मेरे परिवार ने अपने खून से देश के लोकतंत्र को सींचा

प्रियंका ने कहा, "मेरे परिवार ने अपने खून से देश के लोकतंत्र को सींचा है। हम देश के लोकतंत्र के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस के महान नेताओं ने इस देश में लोकतंत्र की नींव रखी। यह उस प्रधानमंत्री का अपमान है, जिसने इस देश के लिए अपनी जान दी। आप एक शहीद के बेटे को देशद्रोही और मीर जाफर करते हैं। आप संसद में उनकी मां का अपमान करते हैं। प्रधानमंत्री संसद में पूछते हैं कि क्यों उनका परिवार नेहरू सरनेम नहीं रखता। आप पूरे परिवार और कश्मीरी पंडितों की परंपराओं का अपमान करते हैं।"

क्या भगवान राम भी "परिवारवादी" थे?

प्रियंका ने कहा, "इसके बाद भी आपके खिलाफ कोई केस नहीं है। आपके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होता। दो साल जेल की सजा नहीं मिलती। कोई आपको अयोग्य नहीं ठहराता है। क्यों? वे आज तक हमारे परिवार का अपमान करते रहे हैं और हम चुप रहे, लेकिन अब और नहीं। आप एक व्यक्ति का कितना अपमान कर सकते हैं। क्या भगवान राम, जिन्हें वनवास भेजा गया था, एक "परिवारवादी" थे।"

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