प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात (Mann Ki Baat) में सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर से बात की। उनकी बेटी अबाबत की मौत 39 दिन की उम्र में हो गई थी। उन्होंने बच्ची का अंगदान किया था।
नई दिल्ली। अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात (Mann Ki Baat) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के अमृतसर में रहने वाले सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर से बात की। उनकी बेटी अबाबत कौर का निधन 39 दिन की उम्र में हो गया था। उन्होंने बेटी के अंगदान का फैसला किया था। अबाबत अंगदान करने वाली भारत की सबसे कम उम्र की बच्ची थी।
नरेंद्र मोदी: सुखबीर जी मैं आज मन की बात के संबंध में सोच रहा था तो मुझे लगा कि अबाबत की बात इतनी प्रेरक है कि आपके मुंह से ही सुनु। क्योंकि घर में बेटी का जन्म होता है तो अनेक सपने, अपने खुशियां लेकर आता है। लेकिन बेटी इतनी जल्दी चली जाए वो कष्ट कितना भयंकर होगा इसका भी मैं अंदाज लगा सकता हूं। जिस प्रकार से आपने फैसला लिया। मैं सारी बात जानना चाहता हूं।
सुखबीर: सर, भगवान ने हमें बहुत प्यारा बच्चा दिया था। बहुत प्यारी गुड़िया हमारे घर में आई थी। उसके पैदा होते ही हमें पता चला कि उसके दिमाग में नसों का ऐसा गुच्छा बना हुआ है, जिसकी वजह से उसके दिल का आकार बड़ा हो रहा है। हम हैरान हो गए कि बच्चे की सेहत इतनी अच्छी है। इतनी सुंदर बच्ची है और इतनी बड़ी समस्या लेकर पैदा हुई है। पहले 24 दिन तक तो बच्ची बहुत ठीक रही। अचानक उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया। हम जल्दी से उसे हॉस्पिटल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे रिवाइव तो कर दिया, लेकिन समझने में देर हुई कि इतनी छोटी बच्ची को हर्ट अटैक कैसे आया। हम उसे इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ ले गए। वहां बच्ची ने बहुत बहादुरी से संघर्ष किया, लेकिन बीमारी ऐसी थी कि उसका इलाज इतनी छोटी उम्र में संभव नहीं था। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की कि उसे 6 महीने के आसपास तक जिंदा रखा जाए तब उसका ऑपरेशन करने की सोची जा सकती थी। लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था। 39 दिन की उम्र में बच्ची को फिर से दिल का दौरा पड़ा। डॉक्टरों ने बिल्कुल जवाब दे दिया तो हमने सोचा कि क्यों ने इस बच्ची के अंग दान कर दें। शायद किसी और की जिंदगी में उजाला आ जाए। अस्पताल से जानकारी मिली कि इतने छोटे बच्चे की सिर्फ किडनी ही दान की जा सकती है। इसके बाद हमने गुरु जी से जो शिक्षा मिली है उसके अनुसार किडनी दान करने का फैसला किया।
नरेंद्र मोदी: गुरुओं ने जो शिक्षा दी है आपने उसे जीकर दिखाया है। सुप्रीत जी हैं क्या? उनसे बात हो सकती है। सुप्रीत जी मैं आपको प्रणाम करता हूं।
सुप्रीत: नमस्कार सर, यह हमारे लिए बड़ी गर्व की बात है कि आप हमसे बात कर रहे हैं।
नरेंद्र मोदी: आपने इतना बड़ा काम किया है। मैं मानता हूं कि देश जब ये सारी बातें सुनेगा तो बहुत लोग किसी की जिंदगी बचाने के लिए आगे आएंगे। अबाबत का यह योगदान बहुत बड़ा है।
सुप्रीत: सर, यह गुरु नानक साहब का आशीर्वाद है कि उन्होंने हमें ऐसा फैसला लेने की हिम्मत दी।
नरेंद्र मोदी: गुरुओं की कृपा के बिना तो कुछ हो ही नहीं सकता जी।
इसके बाद नरेंद्र मोदी ने सुखबीर से बात की और कहा, "आज आपकी बेटी का सिर्फ एक अंग जीवित है, ऐसा नहीं है। आपकी बेटी मानवता की अमर गाथा की अमर यात्री बन गई है। अपने शरीर के अंश के जरिए वह आज भी उपस्थित है।