कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसा प्रभावित मणिपुर (Manipur violence) पहुंचे हैं। उनका इंफाल और चुराचांदपुर के राहत कैम्पों में रह रहे लोगों से बातचीत करने का कार्यक्रम है। राहुल को इंफाल से 20 किलोमीटर दूर रोका गया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मणिपुर (Manipur violence) पहुंचे हैं। उनका इंफाल और चुराचांदपुर में राहत कैम्पों में जाकर हिंसा प्रभावितों का हालचाल जानने का कार्यक्रम है। इंफाल से चुराचांदपुर जाने के दौरान राहुल गांधी को इंफाल से 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले में पुलिस ने अशांति का हवाला देते हुए रोक दिया है। राहुल गांधी काफी देर तक सड़क पर आगे जाने की इजाजत मिलने का इंतजार करते रहे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद वे इंफाल लौट गए।
बिष्णुपुर में राहुल गांधी को रोकने से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। राहुल गांधी इंफाल एयरपोर्ट लौट रहे थे तब सड़क किनारे खड़े कुछ लोगों ने 'राहुल गांधी गो बैक' के नारे लगाए।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है। पुलिस का कहना है कि वे हमें इजाजत देने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल गांधी के समर्थन में लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोका है? राहुल गांधी दो दिन मणिपुर में रहेंगे। मणिपुर करीब दो महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इसके चलते 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हिंसा फैलने के बाद मणिपुर जाने वाले राहुल गांधी विपक्ष के पहले बड़े नेता होंगे।
कांग्रेस ने की है सीएम एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग
मणिपुर में हिंसा नहीं रोक पाने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर चुकी है। कांग्रेस का तर्क है कि बीरेन के नेतृत्व में शांति बहाल नहीं की जा सकती।
मणिपुर जाने के लिए राहुल गांधी ने नहीं मांगी है अनुमति
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मणिपुर जाने के लिए राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई अनुमति नहीं मांगी है। राज्य में यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने मांग की थी कि राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए।
वेणुगोपाल ने कहा, "मणिपुर करीब दो महीने से जल रहा है। हिंसा प्रभावित लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर बढ़ सके। यह एक मानवीय त्रासदी है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्यार की ताकत बनें, न की नफरत की।”
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य का दौरा करने वाले राहुल गांधी पहले विपक्षी नेता होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मई के आखिरी हफ्ते में गृह मंत्रालय से राज्य का दौरा करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन जवाब नहीं मिला था।
3 मई को शुरू हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी जनजाति के लोगों के बीच हिंसा हो रही है। हिंसा आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश के बाद फैली। 3 मई को आदिवासी एकता मार्च निकाला गया था। इसके बाद से हिंसक घटनाएं हो रहीं हैं। मैतेई समुदाय के लोग भी ST के दर्जे की मांग कर रहे हैं। वहीं, कुकी जनजाति के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।