कांग्रेस विधायक बोले- जब हाथों को शराब से धोने पर कोरोना वायरस मर सकता है, तो पीने से क्यों नहीं

कोरोना वायरस के चलते 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने शराब और तंबाकू की बिक्री पर भी बैन लगा रखा है। ऐसे में राजस्थान के कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर शराब की बिक्री दोबारा शुरू करने का अनुरोध किया है।

Asianet News Hindi | Published : May 1, 2020 2:52 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते 3 मई तक पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने शराब और तंबाकू की बिक्री पर भी बैन लगा रखा है। ऐसे में राजस्थान के कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर शराब की बिक्री दोबारा शुरू करने का अनुरोध किया है। इसके पीछे उन्होंने एक तर्क भी दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जब हाथों को शराब से धोने से कोरोना वायरस साफ हो सकता है तो पीने से गले से भी वायरस साफ हो जाएगा। 

दरअसल, कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने शराब बिक्री शुरू करने की सिफारिश की है। इतना ही नहीं पत्र में उन्होंने अपने दावे को मजबूत करने के लिए कुछ उदाहरण भी लिखे हैं।
 

क्या लिखा है पत्र में?
पत्र में भरत सिंह ने लिखा है कि कोरोना वायरस के लॉकडाउन के कारण शराब की दुकानें बंद हैं। शराब बदनाम है। इसलिए केंद्र सरकार इसकी इजाजत नहीं देगी और ना ही राज्य सरकार। आर्थिक घाटे से राज्य सरकार की कमर टूट रही है। वहीं, शराब ना मिलने से इसका अवैध धंधा भी पनप रहा है। जहां प्रदेशभर में अपराध की कमी हुई है। वहीं, शराब का अवैध कारोबार बढ़ रहा है। 

अच्छा होगा शराब की दुकानें खोल दे
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, सरकार ने शराब से साल 2020-21 में 12.5 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा है। लॉकडाउन से प्राप्त होता नहीं दिख रहा है। अच्छा होगा कि इसकी दुकानें खोल दी जाएं। शराब पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व। साथ ही जब शराब से हाथ धोने से कोरोना वायरस साफ हो सकता है तो पीने से गले के वायरस भी साफ होंगे। 

राजस्थान में कोरोना वायरस
यहां गुरुवार को 144 नए मामले आए। राज्य में पिछले 24 घंटे में 3 लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद अब तक 58 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, संक्रमित मरीजों की संख्या 2582 तक पहुंच गई है। हालांकि अब तक 893 मरीज ठीक भी हो चुके हैं।

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