तमिलनाडु के मंत्री व डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को खत्म करने की कथित टिप्पणी को लेकर राजनीति गरमाई है।
नई दिल्ली: तमिलनाडु के मंत्री व डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को खत्म करने की कथित टिप्पणी को लेकर राजनीति गरमाई है। बीजेपी ने डीएमके और इंडिया गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि, कांग्रेस ने डीएमके नेता का बचाव करते हुए कहा कि हर राजनीतिक दल को स्वतंत्रता है कि वह अपने विचार व्यक्त कर सके। भारत के संविधान ने फ्रीडम ऑफ स्पीच का अधिकार दे रखा है।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने सोमवार को तमिलनाडु के राजनेता उदयनिधि स्टालिन का बचाव करते हुए कहा कि हर राजनीतिक दल को स्वतंत्रता है अपने विचार व्यक्त करने के लिए। महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी धर्मों के प्रति अपनी पार्टी के सम्मान को रेखांकित किया। वेणुगोपाल ने कहा कि हम हर किसी की आस्था का सम्मान करते हैं। हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है, 'सर्व धर्म समभाव' कांग्रेस की विचारधारा है। उधर, कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है, या आपको मानव होने की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता, वह बीमारी के समान ही अच्छा है।
शिवसेना ने क्या कहा?
शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सनातन धर्म देश की आधारशिला है। यह सभी आस्थाओं और पहचानों के समावेशन से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म शाश्वत सत्य - जीवन जीने का तरीका, विवेक और अस्तित्व का प्रतीक है। सनातनियों ने अपनी पहचान को समाप्त करने के लिए आक्रमणकारियों के हमलों को लंबे समय तक झेला है, फिर भी वे न केवल जीवित रहे बल्कि फले-फूले। जो कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करता है वह इस बात से अनभिज्ञ है कि इसका क्या मतलब है। सुश्री चतुर्वेदी ने बीजेपी के बयान केा फर्जी चिंता बताया है। कहा कि सनातन धर्म पर बीजेपी उनके बीमार पाखंड को उजागर कर रहा है।
अमित शाह सहित भाजपाइयों ने डीएमके को घेरा
उधर, उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद बीजेपी हमलावर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडिया अलायंस और विपक्ष पर निधाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया हिंदू धर्म से नफरत करता है। उदयनिधि स्टालिन का बयान हमारी विरासत पर हमला है। स्टालिन का बयान, भारत ब्लॉक की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण रणनीति का हिस्सा थीं।
यह भी पढ़ें:
मणिपुर हिंसा पर एडिटर्स गिल्ड की रिपोर्ट पर बवाल: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दर्ज कराया एफआईआर