गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस से प्रभावित मजदूरों और कर्मचारियों के वेतन और अवकाश के अधिकारों के संरक्षण आदेश दिए हैं। प्रशासन ने साफ किया है वायरस से प्रभावित श्रमिकों को आइसोलेशन के दौरान 28 दिन का वेतन देने का आदेश दिया है। इस दौरान उन्हें वेतन सहित अवकाश पर माना जाएगा।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के जारी संकट के बीच उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलाके में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। संक्रमित मरीजों को उनकी कंपनियां 28 दिनों का पेड लीव देंगी। प्रशासन ने कोरोना वायरस से प्रभावित मजदूरों और कर्मचारियों के वेतन और अवकाश के अधिकारों के संरक्षण आदेश दिए हैं।
गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने शनिवार रात जारी आदेश में नियोक्ताओं को कोरोना वायरस से प्रभावित श्रमिकों को आइसोलेशन के दौरान 28 दिन का वेतन देने का आदेश दिया है। इस दौरान उन्हें वेतन सहित अवकाश पर माना जाएगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि संक्रमित कर्मचारियों को पेड लीव देना अनिवार्य होगा।
नहीं माना आदेश तो होगी जेल
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी आदेश में प्रशासन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश भर में बंद के आदेश से प्रभावित दुकानों, प्रतिष्ठानों और कारखानों को अपने श्रमिकों/कर्मचारियों को इस अवधि की वेतन सहित छुट्टी देनी होगी। इसका उल्लंघन करने वालों को उपरोक्त अधिनिमय के तहत जेल और जुर्माना हो सकता है।
प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत दंडित किया जाएगा। इसमें 1 साल की सजा और अर्थदंड या दोनों का प्रावधान है। प्रशासन ने कहा है कि लोग इस बारे में उसके समेकित नियंत्रण कक्ष में अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं, जिसका नंबर -0120 2544700 है।
नोएडा प्रशासन ने शनिवार को एक और आदेश जारी कर इलाके के मकान मालिकों को श्रमिकों से किराए की वसूली में एक माह की मोहलत देने को कहा है।
मजदूरों के पलायन के बीच जारी हुआ आदेश
प्रशासन ने यह आदेश उस समय जारी किया है जब दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों में रहने वाले मजदूर और कामगार अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को आपदा घोषित कर रखा है और आवाजाही पर रोक लगा दी है, ताकि इस वायरस के संक्रमण की रोकथाम की जा सके। सिंह ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत प्रदत्त अधिकारों के तहत यह आदेश दिया है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन को क्यों देना पड़ा ऐसा आदेश?
कोरोना वायरस के केस बढ़ने के बाद पीएम मोदी ने देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इसके पीछे मकसद था कि लोग कम से कम एक दूसरे के संपर्क में आए, ताकि कोरोना वायरस न फैले। लेकिन लॉकडाउन के बाद दिल्ली, नोएडा में कई फैक्ट्रियां बंद हो गईं। रोड चौराहों की दुकाने बंद कर दिए गए। ऐसे में कमाई का कोई साधन नहीं बचा। तब जो प्रवासी यूपी-बिहार से दिल्ली में कमाने के लिए गए थे, वह शहर छोड़कर भागने लगे। वह दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हुए। मजबूरी में यूपी सरकार ने एक हजार बसे चलाने का ऐलान किया, जिससे की पलायन करने वालों को वापस घर लाया जा सकते।
यूपी में कोरोना की स्थिति
उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। रविवार को नोएडा में कोरोना वायरस संक्रमितों के 4 नए केस सामने आए हैं। इन नए मरीजों के साथ ही यहां अब तक कुल संख्या 31 तक पहुंच गई है। वहीं, गाजियाबाद में पति-पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है। जबकि पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 69 हो गई है, जिसमें से 11 मरीज ठीक हो चुके हैं।