कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच एक और खुशखबरी सामने आई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने शिकागो(अमेरिका) स्थित एबॉट रैपिड डायग्नोस्टिक्स डिवीजन द्वारा विकसित दूसरे घरेलू रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। PanBio Covid19 Antigen Test Device नामक इस किट की भारत में कीमत का खुलासा जल्द ही कंपनी करेगी।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझते भारत को एक अच्छी खबर मिली है। जो लोग अस्पतालों में भीड़ के चलते या अन्य कारणों से समय पर कोरोना टेस्ट नहीं करा पा रहे थे, उनकी सुविधा के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने शिकागो(अमेरिका) स्थित एबॉट रैपिड डायग्नोस्टिक्स डिवीजन द्वारा विकसित दूसरे घरेलू रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को 5 जुलाई तक के लिए मंजूरी दे दी है। PanBio Covid19 Antigen Test Device नामक इस किट की भारत में कीमत जल्द कंपनी तय करेगी। इस किट से चंद मिनटों में रिजल्ट मिल जाता है।
गरारा करके घर में कर सकेंगे RT-PCR टेस्ट
इससे पहले नागपुर की नेशनल इनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोरोना की जांच का आसान तरीका निकाला है। इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)की मंजूरी भी मिल गई है। इसे सलाइन गार्गल RT-PCR टेस्ट नाम दिया गया है। सलाइन गार्गल RT-PCR का मतलब है कि नमक के पानी से गरारे के जरिए कोरोना की जांच। इंस्टीट्यूट का कहना है कि वे इस प्रोसेस से टेस्ट बढ़ाने के लिए लैब्स की मदद करेंगे। ये पूरी प्रक्रिया काफी आसान है और खुद की जा सकती है, इसलिए ग्रामीण इलाकों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगी।
प्रोसेस काफी तेज और आरामदायक
NEERI के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा खैरनार ने बताया, टेस्ट करना आसान, तेज और काफी आरामदायक है। इस टेस्ट के बाद अब लोगों को घंटों लाइन में लगकर सैंपल देने की जरूरत नहीं है।
गेम चेंजर हो सकती है साबित
सलाइन गार्गल RT-PCR टेस्ट में तुरंत सैंपल लिया जा सकता है। इसके नतीजे 3 घंटे में आ जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्रोसेस को गेम चेंजर बताया है।
कैसे लिया जाएगा सैंपल?
इसके लिए सैंपल कलेक्शन ट्यूब की जरूरत होगी। इसमें मरीज को सलाइन वॉटर से 15 सेकेंड गरारे करने के बाद उसे ट्यूब में डालना होगा। सैंपल को कमरे के तापमान पर NEERI द्वारा तैयार किए गए विशेष घोल में रखा जाता है। घोल को गर्म करने पर एक RNA टेम्प्लेट तैयार होती है। इसे RT-PCR के लिए प्रोसेस किया जाता है। ये प्रोसेस काफी सस्ती है। ये पर्यावरण के लिए भी नुकसान देह नहीं है।
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