ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक में अखाड़ा परिषद भी कूदा, संतों का आह्वान...

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी घोषित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य स्वामी मुकुंदानंद ने बताया कि पट्टाभिषेक पहले ही हो चुका है। 17 अक्टूबर को जोशीमठ में होने वाला कार्यक्रम केवल साधु को सम्मानित करने के लिए है।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 15, 2022 4:08 PM IST

Coronation of Swami Avimukteshwaranand Saraswati as Shankaracharya: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का शंकराचार्य के रूप में पट्टाभिषेक को लेकर अब अखाड़ा परिषद ने भी मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने संतों को आह्वान किया कि वह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य के रूप में पट्टाभिषेक में शामिल न हों। ऐसा करना कोर्ट की अवमानना हो सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शंकराचार्य के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ज्योतिष पीठ में पट्टाभिषेक पर रोक लगा दिया है। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का पट्टाभिषेक 17 अक्टूबर को होना है।

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि के पहले उत्तराधिकारी घोषित करना गलत

Latest Videos

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की शंकराचार्य के रूप में नियुक्ति का विरोध करते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि दिवंगत शंकराचार्य के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें संन्यासी अखाड़ों की सहमति के बिना समाधि से पहले ही उन्हें नियुक्त करना गलत था। पट्टाभिषेक समारोह में भाग लेना अदालत की अवमानना ​​होगी।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य ने कहा पट्टाभिषेक संपन्न हो चुका

उधर, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी घोषित स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य स्वामी मुकुंदानंद ने बताया कि पट्टाभिषेक पहले ही हो चुका है। 17 अक्टूबर को जोशीमठ में होने वाला कार्यक्रम केवल साधु को सम्मानित करने के लिए है।

शंकराचार्य की नियुक्ति पर सुनवाई कर रहा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ में ब्रह्मलीन शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी के विवाद पर सुनवाई कर रहा है। शनिवार को कोर्ट ने उनके घोषित उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शंकराचार्य के रूप में पट्टाभिषेक पर रोक लगा दिया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने यह रोक लगाई है। दरअसल, कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने का झूठा दावा किया था। यह मामला 2020 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। याचिका में कहा गया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य के रूप में अभिषेक से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश से रोके। उनके द्वारा गलत तरीके से उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज दाखिल किए जा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

पीठ को बिना शंकराचार्य के नहीं रखा जा सकता

उधर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सनातन धर्म के विद्वानों ने पीठ के शंकराचार्य को लेकर चिंता जताई है। हिन्दू विद्वानों के अनुसार शंकराचार्य के बिना कोई पीठ नहीं रह सकती। दरअसल, शंकराचार्य हिंदू धर्म की अद्वैत वेदांत परंपरा में मठों के प्रमुखों को कहा जाता है। यह हिंदू समाज के सबसे बड़े धर्मगुरू माने जाते हैं। आदि शंकराचार्य ने उत्तर में बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठ, पश्चिम में द्वारका के शारदा पीठ, पूर्व में पुरी में गोवर्धन पीठ और कर्नाटक के चिक्कमगलूर जिले में श्रृंगेरी शारदा पीठम में चार मठों की स्थापना की थी। बीते दिनों द्वारका शारदा पीठ व बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य रहे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ब्रह्मलीन होने के बाद उनके दो शिष्यों को दोनों मठों का शंकराचार्य घोषित किया गया था। 

यह भी पढ़ें:

अमेरिकी अखबार में मोदी सरकार व ज्यूडिशरी के खिलाफ विज्ञापन से हंगामा, भारत में निवेश करने वालों को भड़काया

सिंगापुर में कोरोना की नयी लहर, XBB सब-वेरिएंट का कहर, नवम्बर तक 15 हजार नया केस रोज

राजीव गांधी के हत्यारे समय से पहले होंगे रिहा? सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 अक्टूबर तक टाली

Share this article
click me!

Latest Videos

Chhath Puja 2024: छठ पूजा में छठी मैया को क्या लगाएं भोग ?
इस एक वजह से बदली गई यूपी-पंजाब और केरल उपचुनाव की तारीख, जानिए क्या है नई डेट
Rahul Gandhi LIVE : तेलंगाना में जाति जनगणना पर राज्य स्तरीय परामर्श को सम्बोधन
LIVE: प्रियंका गांधी ने कलपेट्टा के मुत्तिल में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया।
LIVE: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड के हज़ारीबाग़ में जनता को संबोधित किया