संघ ने 26 हजार जगहों पर 25 लाख लोगों तक पहुंचाई मदद; 2 लाख कार्यकर्ता 25 कामों में जुटा रहे हाथ
कोरोना के खिलाफ जंग में भारत निर्णायक स्थिति में पहुंच गया है। महामारी से चल रही इस लड़ाई में भारत के हर नागरिक ने अपना सहयोग दिया। वहीं, सरकार के अलावा कई पार्टियां, संगठन, एनजीओ और संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आईं।
Prabhanjan bhadauriya | Published : Apr 15, 2020 3:44 AM IST / Updated: Apr 16 2020, 10:01 AM IST
नई दिल्ली. कोरोना के खिलाफ जंग में भारत निर्णायक स्थिति में पहुंच गया है। महामारी से चल रही इस लड़ाई में भारत के हर नागरिक ने अपना सहयोग दिया। वहीं, सरकार के अलावा कई पार्टियां, संगठन, एनजीओ और संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आईं। कोई लॉकडाउन में भूखों को खाना खिला रहा है, तो कहीं जरूरतमंदों तक राशन पहुंचा जा रहा है। मदद करने वालों की श्रेणी में एक नाम राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस का भी है। संघ आपदाओं के वक्त हमेशा पर्दे के पीछे रहकर मदद के लिए जाना जाता है। इसी तरह कोरोना के खिलाफ चल रही वैश्विक जंग में भी संघ पर्दे के पीछे रहकर अहम भूमिका निभा रहा है। लॉकडाउन में संघ के 2 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता 26 हजार जगहों पर काम कर रहे हैं। संघ कार्यकर्ता प्रशासन की अनुमति से राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य और अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरएसएस के कार्यकर्ता जरूरत के मुताबिक काम कर रहे हैं, जैसे कहीं, सैनिटाइजेशन करने की जरूरत है तो वहां मदद कर रहे हैं। जैसे कहीं फूड पैकेट बांटने की जरूरत है, तो फूड पैकेट बांट रहे हैं। जहां राशन बांटने की जरूरत हैं वहां राशन बांट रहे हैं।
असम में राहत साम्रगी बांटते संघ कार्यकर्ता
स्थानीय प्रशासन की मदद में जुटे कार्यकर्ता संघ या उसके स्वंयसेवक अपने स्तर पर काम नहीं कर रहे हैं। हर जगह स्थानीय प्रशासन ने अनुमति ले कर काम किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, स्वंयसेवक प्रशासन की मदद कर रहे हैं। अगर प्रशासन खाने या राशन की व्यवस्था के लिए कह रहा है तो उसकी व्यवस्था की जा रही है। अगर प्रशासन को सिर्फ वालंटियर की जरूरत है तो कार्यकर्ता वालंटियर बन कर काम कर रहे हैं।
दिल्ली में जरूरतमंदों के लिए खाना बनाते संघ स्वंयसेवक
25 तरह के काम में जुटे हैं कार्यकर्ता इतना ही नहीं स्वयंसेवक 25 तरह के काम कर जनता तक मदद पहुंचा रहे हैं। जैसे- सैनिटाइजेशन कर रहे हैं, फूड पैकेज बांटना, राशन उपलब्ध कराना, मेडिकल सुविधा दिलाना, ट्रांसपोर्टेशन में मदद करना, सफाई करना, स्क्रीनिंग में मदद करना, ब्लड डोनेट करना, मास्क बनाना-बांटना, क्वारंटाइन सेंटर में मदद। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 6 अप्रैल तक 2 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं ने 26 हजार जगहों पर करीब 25.5 लाख लोगों-परिवारों तक मदद पहुंचाई है। यहां तक की हिमाचल के सिरमौर में संघ कार्यकर्ता क्वारंटाइन सेंटर में लोगों को खाने-पीने की व्यवस्था करा रहे हैं। यह संख्या अब और भी अधिक हो गई है।
मुंबई में 1000 यूनिट से ज्यादा ब्लड डोनेट किया इसके अलावा संघ कार्यकर्ता ब्लड डोनेट भी कर रहे हैं। हाल ही में भोपाल, मुंबई, जयपुर समेत तमाम जगहों पर ब्लड डोनेट कैंप भी लगाए जा रहे हैं। मुंबई में अकेले 1000 यूनिट से ज्यादा ब्लड डोनेट किया गया।
बेंगलुरु में ब्लड डोनेट करते संघ कार्यकर्ता
पलायन के वक्त 8 लाख लोगों को खिलाया खाना लॉकडाउन के ऐलान के बाद दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन हुआ था। इस दौरान संघ ने बड़े स्तर पर पलायन कर रहे लोगों की मदद की। संघ अधिकारियों के मुताबिक, पलायन के वक्त दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर स्वंयसेवकों ने मजदूरों के रुकने और खाने की व्यवस्था की। इस दौरान करीब 8 लाख लोगों को खाना खिलाया गया। वहीं, लोगों की स्क्रीनिंग में भी प्रशासन की मदद की गई।
मुंबई के धारावी में गरीब और जरूरतमंदों को राशन बांटते संघ कार्यकर्ता
संघ के सहयोगी संगठन भी मदद में जुटे इतना ही नहीं संघ के सहयोगी संगठन सेवा भारती, राष्ट्र सेविका समिति, विद्या भारती, आरोग्य भारती, भारतीय मजदूर संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सक्षम, नेशनल मेडिकॉज आर्गनाइजेशन, भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, आरोग्य भारती, सीमा जन कल्याण समिति, सभी संगठनों के कार्यकर्ता भी लगे हैं।
उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में राहत साम्रगी बांटते कार्यकर्ता
विद्याभारतीय ने स्कूल क्वारंटाइन सेंटर खोलने के लिए दिए संघ के सहयोगी संगठन विद्याभारतीय ने मध्यप्रदेश और पूर्वोत्तर में अपने स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर खोलने के लिए प्रशासन को दिए हैं। मध्यप्रदेश में 16 जिलों में विद्याभारतीय ने 120-125 स्कूल लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए दिए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में प्रशासन को स्कूल बसें भी उपलब्ध कराई गई हैं।