टीएमसी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जो राज्यपाल संदेशखाली में महिलाओं को न्याय के लिए पहुंचे थे, वह खुद ऐसे कृत्य में शामिल हैं। 

Sexual Harassment allegations on Governor: कर्नाटक में राजनीतिक भूचाल अभी थमा नहीं कि पश्चिम बंगाल में यौन उत्पीड़न का नया आरोप सामने आया है। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ राजभवन की एक कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। हालांकि, राज्यपाल ने इसे षड़यंत्र करार दिया है। उधर, टीएमसी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जो राज्यपाल संदेशखाली में महिलाओं को न्याय के लिए पहुंचे थे, वह खुद ऐसे कृत्य में शामिल हैं। हालांकि, राज्यपाल या राष्ट्रपति के खिलाफ आपराधिक मामला की कार्रवाई में छूट की वजह से कोई भी केस नहीं दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस सूत्रों के अनुसार गुरुवार की दोपहर में पश्चिम बंगाल के राजभवन में स्थापित पीस रूम यानी शांति कक्ष से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी पुलिस चौकी पहुंची। महिला अस्थायी कर्मचारी ने गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर आरोप लगाया कि महामहिम सीवी आनंद बोस ने उसके साथ छेड़छाड़ किया। स्तब्ध पुलिसवालों ने अपने अधिकारियों को सूचना देने के साथ उसे Hare Street के स्थानीय पुलिस स्टेशन पर ले जाया गया। यहां पीड़िता ने लिखित तहरीर देकर यह आरोप लगाया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने नौकरी के बहाने उसके साथ कई बार छेड़छाड़ किया। हालांकि, विशेषाधिकार की वजह से कोई केस नहीं दर्ज किया जा सका। उधर, महिला द्वारा थाने में शिकायत के बाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। 

राज्यपाल के खिलाफ कोई केस नहीं हो सकता दर्ज

संविधान में आर्टिकल 361 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल के खिलाफ पद पर बने रहने के दौरान कोई भी क्रिमिनल प्रोसिडिंग नहीं की जा सकती है। यानि कि कोई भी आपराधिक मामला न दर्ज किया जाएगा न ही उसके तहत कोई कार्रवाई की जाएगी। 

राज्यपाल ने किया इनकार

उधर, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह एक इंजीनियरर्ड नैरेटिव है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।

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टीएमसी ने कहा-बेहद शर्मनाक है यह मामला

पीड़िता द्वारा राज्यपाल पर आरोप लगाए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार को राज्यपाल के माध्यम से घेरा है। टीएमसी की सीनियर लीडर शशि पांजा ने कहा कि हम पूरी तरह से स्तब्ध हैं। वही राज्यपाल जो महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात करते हुए संदेशखाली पहुंचे थे अब एक शर्मनाक घटना में शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपने पद और अपनी कुर्सी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि एक राज्यपाल ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल हो और वह भी राजभवन में। आज प्रधानमंत्री राज्य में आ रहे हैं और वह राजभवन में रुकेंगे। हम इस पर उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं।

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अभी कर्नाटक से उबरे नहीं कि बंगाल में फंसे

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर बीजेपी लगातार टीएमसी को घेर रही थी। पीएम मोदी भी लगातार उसको मुद्दा बना रहे थे। लेकिन द्वितीय चरण के चुनाव के पहले कर्नाटक में बीजेपी के सहयोगी दल जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना का सेक्स कांड वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में महिला सुरक्षा की बात करने वाली बीजेपी को विपक्ष घेर रहा। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं से बलात्कार का आरोप लगा है। अब पश्चिम बंगाल में राज्यपाल पर महिला कर्मचारी ने छेड़छाड़ का आरोप लगा कर चिंता और बढ़ा दी है।

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