IT मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर का दावा अगले 5 सालों में भारत की डिटिजल इकोनॉमी 1000 अरब डॉलर होगी

आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने टेक्नोलॉजी की फील्ड में निराशा और चिंताओं को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि भारत की डिजिटल शक्ति प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग के जरिये वर्ष 2023 और अगले पांच वर्षों में बढ़ेगी।

नई दिल्ली(New Delhi). सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर(Minister of State for Information Technology (IT) Rajeev Chandrasekhar) ने टेक्नोलॉजी की फील्ड में निराशा और चिंताओं को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि भारत की डिजिटल शक्ति प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटिंग के जरिये वर्ष 2023 और अगले पांच वर्षों में बढ़ेगी। चंद्रशेखर की यह टिप्पणी पश्चिमी देशों में प्रतिकूल माहौल, अमेरिका की बड़ी कंपनियों में नौकरियों में कटौती, वैश्विक बाजार में उथल-पुथल और आईटी क्षेत्र में मंदी की चिंताओं के लिहाज से महत्वपूर्ण है।  पढ़िए और क्या बोले मिनिस्टर?

1000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था
मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भरोसा जताया कि भारत की एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल इकोनॉकी की संकल्पना निर्विवाद है और पहुंच के भीतर है। चंद्रशेखर ने भरोसा जताया कि वर्ष 2023 में भी डिजिटल इकोनॉमी की स्पीड जारी रहेगी। इसे टेक्नोलॉजी में बढ़ोतरी और इनोवेशन की दिशा में तैयार हो रही रूपरेखा और नियम-कानून इसे संभव बनाएंगे। चंद्रशेखर ने उन सभी शंकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि अगले 5 साल के दौरान बसंत है। यानी उनका आशय टेक्नोलॉजी सेक्टर में जबर्दस्त उछाल से है।

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मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिभाओं, प्रॉडक्ट्स और टेक्नोलॉजी को भारत में ही डिजाइन किया गया है। यह मेड इन इंडिया है। इसकी स्पीड बराबर रहेगी। चंद्रशेखर ने कहा,‘‘डिजिटल उत्पादों और डिजिटल सेवाओं की खपत के लिहाज से एक बाजार के रूप में भारत (India) अगले पांच से दस वर्षों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। ये सभी फैक्टर इस बात का संकेत हैं कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी बढ़ती रहेगी। यह चार-पांच साल में एक हजार अरब डॉलर तक पहुंचेगी।’’


मंत्री ने दावा किया आईटी और आईटीईएस सेक्टर सालाना 15-20 फीसदी की रेट से बढ़ रहा है। इसमें वर्ल्ड लेवल स्टार्टअप और इनोवेशन का कल्चर भी है। मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का विजन है कि 2023 में भारत 10 टॉप निर्यातक देशों में शामिल हो। यह बढ़कर 1 लाख करोड़ तक पहुंचे। देश में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्शन के माहौल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार हर आवश्यक उपाय कर रही है। चंद्रशेखर ने कहा कि अभी भारत से मोबाइल फोन का निर्यात करीब 45,000 करोड़ रुपये है। इसमें एप्पल और सैमसंग की सबसे बड़ी भागीदारी रही है।  आईटी मंत्री ने कहा, भारत  आईटी हार्डवेयर और सर्वर के मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता है।

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