लगातार जहरीला होता जा रहा है देश का खाना, FSSAI की रिपोर्ट में खुलासा

खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने सोमवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 1.06 लाख से अधिक खाद्य नमूनों का विश्लेषण किया गया था, जिनमें से 3.7 प्रतिशत नमूनों को असुरक्षित तथा 15.8 प्रतिशत मानकों पर कमतर पाया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2019 5:07 PM IST

नई दिल्ली. खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने सोमवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में 1.06 लाख से अधिक खाद्य नमूनों का विश्लेषण किया गया था, जिनमें से 3.7 प्रतिशत नमूनों को असुरक्षित तथा 15.8 प्रतिशत मानकों पर कमतर पाया गया। नियामक द्वारा जारी एक बयान में यह भी बताया गया है कि इस दौरान 9 प्रतिशत नमूनों में लेबल या ठप्पे संबधी कमियां पायी गयीं।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा इस दौरान दर्ज दीवानी मामले 36 प्रतिशत बढ़कर 2,813 और आपराधिक मामले 86 प्रतिशत बढ़कर 18,550 हो गए। नियामक ने बताया कि जुर्माना लगाने के मामलों की संख्या 67 प्रतिशत बढ़कर 12,727 हो गई। वर्ष 2018-19 के दौरान कुल 32.58 करोड़ रुपये का जुर्मान लगाया गया जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है।

वर्ष के दौरान आपराधिक प्रकृति के 701 मामलों में संबंधित व्यक्तियों/इकाइयों को दोषी करार दिए गए हैं। एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों की ओर से खाद्य उत्पादों के प्रति लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए नियमों को और अधिक कठोरता से लागू करने की आवश्यक है।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि हाल के दिनों में देश में बड़े पैमाने पर ‘फर्जी खबरों’ के कारण मिलावट की व्यापक धारणा पैदा करने की वजह से सार्वजनिक विश्वास का क्षरण हुआ है।

एफएसएसएआई ने कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले कई राज्य, खाद्य सुरक्षा के लिए पूर्णकालिक अधिकारी तैनात नहीं कर पाये हैं और लगभग एक दशक पहले खाद्य सुरक्षा कानून के लागू होने के बावजूद वहां उपयुक्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं नहीं हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

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