भारत का कोविड के खिलाफ जंग: वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएफएफ तक हुए मुरीद, बोले-इंडिया इज डूइंग वेल

वित्तमंत्री सीतारमण के साथ मीटिंग में मालपास ने वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान की अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम और बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी सहित विश्व बैंक समूह की सभी संस्थाओं में भारत के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। 

नई दिल्ली। कोरोना (Covid) भारत मजबूत स्थिति में पहुंचता जा रहा है। देश में वैक्सीनेशन (Vaccination) का आंकड़ा 100 करोड़ पार होने को है। वैक्सीनेशन की रफ्तार से विश्व की एजेंसियां भी भारत का फैन हो गया है। आईएफएफ (IMF) से लेकर वर्ल्ड बैंक (World Bank) तक भारत की तारीफ वैक्सीनेशन को लेकर कर रहा है। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ सफल वैक्सीनेशन पर भारत को बधाई दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में उन्होंने वैक्सीन प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन में भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका की सराहना की है। 

वित्तमंत्री सीतारमण के साथ मीटिंग में मालपास ने वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान की अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम और बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी सहित विश्व बैंक समूह की सभी संस्थाओं में भारत के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। 

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भारत ने वैक्सीनेशन में बेहतरीन काम किया 

मालपास ने कहा कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान में भारत ने बेहतर काम किया है। विश्व बैंक ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर भारत के प्रयासों पर भी चर्चा की। बयान में कहा गया कि मालपास ने सीतारमण को भारत के कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए बधाई दी और टीका उत्पादन एवं वितरण में भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

विश्व के सबसे बड़े टीका उत्पादक देश भारत ने अप्रैल में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए कोविड-19 टीके के निर्यात को रोक दिया था, ताकि देश की पूरी आबादी का टीकाकरण किया जा सके। बता दें कि विश्व बैंक ने भारत को सहयोग देते रहने की भी प्रतिबद्धता जताई। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने घोषणा की थी कि भारत फिर से विदेशों को टीका निर्यात शुरू करेगा। 

आईएमएफ ने भी की है सराहना

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कोविड-19 महामारी के बीच भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है। आईएमएफ ने कहा कि महामारी की स्थिति के बीच भारत ने 'तेजी और मजबूत' कदम उठाए और साथ ही उसने अपने श्रम सुधारों तथा निजीकरण की प्रक्रिया को जारी रखा। भारत सरकार के महामारी से निपटने के तरीके पर आईएमएफ ने कहा कि यह त्वरित और संतोषजनक था। सरकार ने वित्तीय समर्थन दिया। समाज के संवेदनशील तबकों को वित्तीय समर्थन दिया गया। मौद्रिक नीति को उदार किया गया, तरलता के प्रावधान किए गए और नियामकीय नीतियों को नरम किया गया।  रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के बावजूद भारत ने श्रम सुधारों और निजीकरण योजना सहित संरचनात्मक सुधारों को जारी रखा। 

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