पूर्व मंत्री शैलजा को मिलने वाला था मैग्सेसे अवार्ड, CPM ने कहा- यह विचारधारा के खिलाफ, नहीं ले सकतीं पुरस्कार

केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था, लेकिन पार्टी ने उन्हें इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। शैलजा को कोरोना काल के दौरान बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मैनेज करने के लिए चुना गया था।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 4, 2022 9:31 AM IST

तिरुवनंतपुरम। केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और सीपीएम की वरिष्ठ नेता केके शैलजा का चुनाव 2022 के प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए किया गया था, लेकिन पार्टी द्वारा रोके जाने के चलते उन्हें यह सम्मान ठुकराना पड़ा है। सीपीएम ने शैलजा से कहा कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार उसकी विचारधारा के खिलाफ है इसलिए वह पुरस्कार नहीं ले सकतीं। सीपीएम के इस फैसले को दो दशक पहले अनुभवी नेता ज्योति बसु के लिए प्रधानमंत्री पद ठुकराने के बाद दूसरी "ऐतिहासिक भूल" कहा जा रहा है। 

64वें मैग्सेसे पुरस्कार के लिए हुआ था चुनाव
रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने शैलजा को 64वें मैग्सेसे पुरस्कार के लिए चुना था। उन्हें कोरोना महामारी और निपाह के दौरान सुलभ सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य सेवा को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए चुना गया था। शैलजा ने केरल के स्वास्थ्य मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान निपाह और कोरोना महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वैश्विक पहचान हासिल की थी।

Latest Videos

कोरोना महामारी के दौरान अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते शैलजा की तारीफ नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया में हुई थी। मैग्सेसे पुरस्कार की सार्वजनिक घोषणा इस साल अगस्त के अंत तक की जानी थी। शैलजा के नामांकित होने के बाद फाउंडेशन ने भारत के कुछ प्रमुख स्वतंत्र लोगों से शैलजा के काम के बारे में क्रॉस-चेक किया था। जुलाई के अंत में उन्हें पुरस्कार के बारे में सूचित किया गया था। 

सीपीएम ने नहीं दी इजाजत
सीपीएम की केंद्रीय समिति की सदस्य होने के नाते शैलजा ने पार्टी नेतृत्व से इस बारे में सलाह ली। नेतृत्व ने पुरस्कार के विभिन्न पहलुओं को देखा और फैसला किया कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। पार्टी ने महसूस किया कि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शैलजा केवल पार्टी द्वारा उन्हें सौंपे गए कर्तव्य का पालन कर रही थीं। निपाह के प्रकोप और कोरोना महामारी से लड़ने में पूरे राज्य ने मिलकर प्रयास किया था, इसलिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं है। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के बाद शैलजा ने फाउंडेशन को पत्र लिखकर पुरस्कार स्वीकार करने में असमर्थता व्यक्त की। 

यह भी पढ़ें- हल्ला बोल रैली में बोले राहुल गांधी-70 साल में कांग्रेस ने नहीं दिखाई ऐसी महंगाई, देश कमजोर कर रही मोदी सरकार

गौरतलब है कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना 1957 में हुई थी। इसका नामकरण फिलीपींस के राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे के नाम पर हुआ है। रेमन मैग्सेसे की मौत 1957 में एक विमान दुर्घटना में हुई थी। वे 1950 के दशक में अपने भूमि सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से कम्युनिस्टों की घुसपैठ नाकाम करने के लिए विश्वविख्यात हुए थे। कम्युनिस्टों के खिलाफ किए गए रेमन मैग्सेसे के काम के चलते भी कहा जा रहा है कि सीपीएम ने शैलजा को पुरस्कार स्वीकार करने से रोक दिया।

यह भी पढ़ें- कांग्रेस छोड़ने के बाद पहली रैली में बोले गुलाम- खून-पसीने से बनाई पार्टी, इंदिरा के समर्थन में गया तिहाड़

Share this article
click me!

Latest Videos

जम्मू के कटरा में PM Modi ने भरी हुंकार, शाही परिवार को धो डाला
'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts