सार
सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने अपने खून-पसीने से कांग्रेस को बनाया। उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बिताए दिनों को याद किया।
जम्मू। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में पहली रैली को संबोधित किया। उन्होंने कांग्रेस से अलग होने के बाद उनपर जुबानी हमला करने वाले कांग्रेसी नेताओं पर निशाना साधा। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने अपने खून-पसीने से कांग्रेस को बनाया। उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बिताए दिनों को याद किया।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मैं हमेशा जमीन से जुड़ा रहा। जिस भी राज्य का इंचार्ज बना वहां के शहर में नहीं रहा। गांव-गांव गया। 20 दिसंबर 1988 को इंदिरा गांधी को संसद से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्हें सीधे तिहाड़ जेल ले जाकर बंद कर दिया गया था। उस समय मैं पार्टी का जनरल सेक्रेटरी था। मैंने यूथ कांग्रेस के 5 हजार नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली के जामा मस्जिद से पार्लियामेंट के लिए विरोध मार्च निकाला था। हम सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था।"
ओढ़ने-बिछाने के लिए एक कंबल, खाने के लिए मिलती थी दो रोटी
गुलाम नबी ने कहा, "आज तो कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिए जाने के चंद घंटे बाद छोड़ दिया जाता था। उस वक्त ऐसा नहीं था। इंदिरा गांधी को तो करीब एक सप्ताह या दस दिन बाद छोड़ दिया गया था, लेकिन मैं अगले साल रिहा हुआ। मैं करीब एक साल जेल में बंद रहा। गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली में ठंड पड़ रही थी। हमें ओढ़ने और बिछाने के लिए एक कंबल दिया गया था। सीमेंट के फर्श पर सोना पड़ता था। वह कंबल भी फटा हुआ था।"
नहीं लिया था जमानत
पूर्व कांग्रेसी नेता ने कहा, "मुझे जेल में रखने वाले लोग चाहते थे कि मैं जमानत ले लूं, लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं था। जेल में दो रोटी और दाल मिलती थी। मैंने जेल के कर्मचारियों के ओढ़ने के लिए कंबल और भोजन की सभी व्यवस्था के लिए कहा तो जवाब मिला कि जेल में एक लाख लोग बंद हैं। इतने लोगों के लिए कंबल और खाना कहां से लाएं।
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गुलाम नबी ने कहा, "हमने अपने खून-पसीने से कांग्रेस को बनाया है। यह कम्प्यूटर, ट्वीट और एसएमएस से नहीं बनी है। आज हमारे खिलाफ अफवाहे फैलाई जा रही हैं। मेरे खिलाफ बोल रहे लोगों की पहुंच सिर्फ ट्विटर पर है। इसलिए कांग्रेस जमीन से गायब हो गई है।"
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