गलत तरीके से 'पैसा कमाने' का खेल,भाई-बहन और फ्रेंड्स जब पकड़े गए, तब खुली चौंकाने वाली पोल

देश में नकली नोटों की खपत बढ़ना चिंता की वजह बन गया है। पिछले दो तीन सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। नकली नोट बांग्लादेश या पाकिस्तान से भारत में लाए जा रहे हैं। कुछ मामले ऐसे निकले, जहां यूट्यूब पर नकली नोट छापने के तौर तरीके इस्तेमाल किए गए।

Amitabh Budholiya | Published : Dec 15, 2022 5:57 AM IST / Updated: Dec 15 2022, 11:33 AM IST

नई दिल्ली. देश में नकली नोटों की खपत बढ़ना चिंता की वजह बन गया है। पिछले दो तीन सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। नकली नोट बांग्लादेश या पाकिस्तान से भारत में लाए जा रहे हैं। कुछ मामले ऐसे निकले, जहां यूट्यूब पर नकली नोट छापने के तौर तरीके इस्तेमाल किए गए। ताजा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जाली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़ करके 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते भी दो लोग पकड़े गए थे।


हाल में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों के साथ दो लोगों को पकड़ा है। पिछले हफ्ते भी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने नकली नोटों के एक इंटरनेशनल सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था। स्पेशल सेल के डीसीपी (DCP) प्रमोद कुशवाहा के मुताबिक, माबिया खातून (35) मालदा, पश्चिम बंगाल की और मुनीष अहमद (54) खानपुर, दिल्ली का निवासी है। पुलिस टीम को 7 दिसंबर को इस रैकेट में शामिल लोगों के बारे में इनपुट मिला था। बताया गया कि ये लोग भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए नकली नोट लाते हैं। पुलिस ने मुनीष अहमद को आनंद विहार रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा था। इसके बाद खातून दबोच ली गई। पुलिस के मुताबिक नकली नोट इतनी फाइन क्वालिटी के हैं कि कोई आसानी से पकड़ नहीं सकता है।


वहीं, हाल में नकली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के सरगना 25 हजार रुपये के इनामी को जीआरपी की टीम ने बनारस पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके कब्जे से 21 हजार रुपये के छपे हुए जाली और अधबने नोट बरामद किए थे। दरअसल, इस मामले से दो दिन पहले जीआरपी ने पूर्व प्लेटफार्म संख्या चार से नकली नोटों के कारोबार में लिप्त राजस्थान के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ के बाद सरगना रौनक उर्फ मुकेश उर्फ टीपू पुत्र अमरनाथ निवासी ग्राम सिरिस्टी थाना चौबेपुर वाराणासी का पता चला था। यो लोग पश्चिम बंगाल के जिला मालदा में रहने वाले लोगों की मदद से नकली नोट छापते थे।

बता दें कि देश में फेक करेंसी के सौदागरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। सितंबर, 2022 में पुणे में ऐसा ही चौंकाने वाला मामला पकड़ा गया था, जो अब तक इंटरनेट की सनसनी बना हुआ है।  जानिए क्या था वो मामला?

यह मामला सितंबर, 2020 में सामने आया था। यह खबर आज तक इंटरनेट की सनसनी बनी हुई है। इसकी वजह भी बहुत बड़ी है। दरअसल, ये भाई-बहन बंद कमरे मे यूट्यूब देखकर जाली नोट बनाने की तरीका सीख रहे थे। RBI की कुछ साल पहले आई एक सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में नोटबंदी(Demonetisation) के बाद नकली नोटों पर लगाम लगी थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में फिर से फेक करेंसी(Fake currency) तेजी से मार्केट में फैली है।

ये भाई-बहन सुनीता राय और प्रदीप महाराष्ट्र के पुणे स्थित पिंपरी के रहने वाले हैं। इन्हें सितंबर, 2022 में क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया था। इन्होंने यूट्यूब के जरिये 50, 100, 200, 500 और 2000 के नकली नोट छापे थे। ये बुजुर्ग दुकानदार या गांव के सीधे-सादे लोगों को नकली नोट टिकाते थे। लेकिन सब्जी मंडी में एक दुकानदार को नकली नोट देने पर पोल खुल गई। उसे शक हुआ, तो उसने पुलिस को बुला लिया। इनका मामला मीडिया में तेजी से वायरल हुआ था। इंटरनेट पर ये केस आज भी सनसनी बना हुआ है। ये सिर्फ एक उदाहरण हैं। टेक्नोलॉजी ईजी होने से फेक करेंसी बनाना आसान लगने लगा है। क्लिक करके पढ़ें ये मामला


एक रिपोर्ट के अनुसार बाजार में 10, 20, 50, 100, 200, 500, 2000 रुपए के नकली नोटों की भरमार हो चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि आप भी यह जानें कि आखिर इनमें से असली नोटों की पहचान कैसे की जाती है। लीजिये हम आपको तरीका बता रहे हैं। इन तरीकों से आंख बंद कर भी पहचान जाएंगे कि नोट असली है या नकली। क्लिक करके पढ़ें असली-नकली नोटों की पहचान

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