सार

हरियाणा के गुरुग्राम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार यहां के एक कपल ने तीन महीने पहले दो नाबालिग भाई-बहनों को कोलकाता के एक NGO के जरिये गोद लिया था। बाद में वे बच्चों को वापस छोड़ गए। बच्चों की मेडिकल जांच में पता चला कि उनके साथ यौन शोषण हुआ है।
 

गुरुग्राम(Gurugram). जिन मासूम भाई-बहन को कपल ने गोद लिया, उन्हीं के साथ वे यौन शोषण(sexually exploiting adopted children) करते रहे। यह चौंकाने वाला मामला हरियाणा के गुरुग्राम में सामने आया है। पुलिस के अनुसार कपल ने तीन महीने पहले  दो नाबालिग भाई-बहनों को कोलकाता के एक NGO के जरिये गोद लिया था। बाद में वे बच्चों को वापस छोड़ गए। बच्चों की मेडिकल जांच में पता चला कि उनके साथ यौन शोषण हुआ है।

बच्ची की उम्र 2 साल और भाई की उम्र महज 4 साल है
पुलिस ने कहा कि इंडियन सोसाइटी फॉर रिहैबिलिटेशन की ओर से दीपक सिन्हा ने 29 नवंबर को कोलकाता के रवींद्र सरोबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि गुरुग्राम के सेक्टर 10 निवासी नितिन शर्मा और उनकी पत्नी ने 30 मार्च को कोलकाता से एक 2 साल की बच्ची और उसके 4 साल के भाई को गोद लिया था। हालांकि, उन्होंने 12 जुलाई को बच्चों को वापस कोलकाता में छोड़ दिया।

दोनों भाई-बहनों को आश्रय गृह( shelter home) में वापस भेजने से पहले जहां वे गोद लेने से पहले रह रहे थे, डॉक्टरों के एक बोर्ड द्वारा उनकी मेडिकल जांच की गई। सिन्हा ने शिकायत में आरोप लगाया कि मेडिकल जांच में यह पाया गया कि बच्चों का यौन शोषण किया गया था। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर रवींद्र सरोबर थाने में जीरो FIR दर्ज की गई और मामले की फाइल गुरुग्राम पुलिस को भेज दी गई।

पुलिस ने बताया कि 9 दिसंबर को यहां सेक्टर 10 ए पुलिस थाने में आरोपी दंपति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़) और 120-बी (आपराधिक साजिश) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत FIR दर्ज की गई है। जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर मुकेश कुमारी ने कहा, "हम कोलकाता पुलिस से कुछ जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।"

यह भी जानिए
यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बच्चों के खिलाफ हिंसा अत्यधिक है और लाखों बच्चों के लिए यह कठोर वास्तविकता है। दुनिया के आधे से अधिक बच्चों ने गंभीर हिंसा को सहन किया हैं और इस तादाद के 64 प्रतिशत बच्चे दक्षिण एशिया में हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक स्टडी में कहा गया है कि यौन शोषण या हिंसा का शिकार 5 से 12 साल की उम्र के बच्चे अधिक होते हैं। स्टडी से पता चला कि जिन बच्चों से बातचीत की गई, उनमें से आधे से अधिक ने किसी न किसी रूप में शारीरिक शोषण का शिकार होने की बात कही। 53% ने यौन शोषण का सामना करना स्वीकार किया।

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