केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी CVC ने अपने कम्पलेंट हैंडलिंग मैकेनिज्म यानी शिकायतों के निराकरण के लिए बनाए गए सिस्टम में कुछ बदलाव किया है। जैसे कि अबसे लोगों को किसी भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए मोबाइल नंबर देना अनिवार्य करना।
नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग(Central Vigilance Commission) यानी CVC ने अपने कम्पलेंट हैंडलिंग मैकेनिज्म यानी शिकायतों के निराकरण के लिए बनाए गए सिस्टम में कुछ बदलाव किया है। जैसे कि अबसे लोगों को किसी भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए मोबाइल नंबर देना अनिवार्य करना। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO), जो भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के डिस्टेंस आर्म(distant arm) के रूप में कार्य करते हैं, लोगों को उनकी शिकायतों की स्थिति के बारे में एक ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से जानकारी देंगे।
एक नए आदेश के अनुसार, भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था(nti-corruption watchdog) ने सीवीओ की जांच करने और आयोग द्वारा भेजी गई शिकायतों पर कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा को एक महीने से बढ़ाकर दो महीने कर दिया है। इसमें कहा गया है कि सीवीसी के पास www.portal.cvc.gov.in या आयोग की वेबसाइट www.cvc.gov.in पर 'शिकायत दर्ज करें-lodge complaints' लिंक पर क्लिक करके शिकायत दर्ज कराई जा सकती है, जो होम पेज पर उपलब्ध है।
केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित अन्य को जारी निर्देश में कहा गया है कि पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ता को मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है, ताकि प्रमाणिकरण(authentication) के उद्देश्य से शिकायतकर्ता के मोबाइल नंबर पर एक ऑटो जनरेट OTP भेजा जा सके।
आदेश में कहा गया है कि जैसे ही पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जाती है, उसके रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करने वाला और शिकायत संदर्भ संख्या वाला एक SMS शिकायतकर्ता को भेजा जाएगा। सीवीसी ने अपने आदेश में कहा है कि पोर्टल के जरिए दर्ज की गई शिकायतों की स्थिति केवल ई-मोड से ही पता की जा सकती है। डाक के माध्यम से शिकायतें करने की पहले की व्यवस्था जारी रहेगी।
सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग, सतर्कता भवन, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, ब्लॉक-ए, आईएनए, नई दिल्ली -110023 को एक लिखकर/ पत्र लिखकर भी आयोग के पास शिकायत दर्ज की जा सकती है। CVC को विभिन्न स्रोतों से शिकायतें प्राप्त होती हैं और ऐसी शिकायतों को कम्पलेंट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से निपटाया जाता है। शिकायत को लेकर शिकायतकर्ताओं को शुरू से अंत तक जानकारी दी जाती है।
जिन शिकायतों में आरोप प्रशासनिक या गैर-सतर्कता प्रकृति के होते हैं, उन्हें भी सीवीओ को भेजा जाता है। सीवीसी के नए आदेश में कहा गया है, "यदि आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित सीवीओ को शिकायत भेजने का निर्णय लिया गया है, तो शिकायतकर्ता को भी इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
ऐसे में शिकायत के रिजल्ट के बारे में पोर्टल के माध्यम से शिकायतकर्ता को जानकारी देने की जिम्मेदारी संबंधित संगठन के सीवीओ की होगी। व्हिसलब्लोअर संकल्प के तहत दर्ज की गई शिकायतों की स्थिति को अब ऑनलाइन भी देखा जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि एक विशेष पीआईडीपीआई (पब्लिक इंटरेस्ट डिस्क्लोजर एंड प्रोटेक्शन ऑफ इंफॉर्मर) शिकायत के लिए जेनरेट हुआ रिफ्रेंस नंबर फिजिकल मोड के माध्यम से व्हिसिल ब्लोअर को भेजी जाएगा, ताकि वह उस विशेष शिकायत की स्थिति को ट्रैक कर सके।
पीआईडीपीआई शिकायतकर्ता सीवीसी द्वारा भेजी गया रिफ्रेंस नंबर दर्ज करके शिकायत की स्थिति को ट्रैक कर सकता है। आदेश में कहा गया है कि आयोग पीआईडीपीआई शिकायतों के लिए कोई पावती(acknowledgement) जारी नहीं करेगा।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "शिकायत से निपटने के सिस्टम में बदलाव से लोगों को भ्रष्टाचार की शिकायतें उठाने और इसकी निगरानी करने में भी मदद मिलेगी। शिकायतकर्ता इसकी स्थिति की ऑनलाइन स्टेटस भी चेक कर सकेंगे।
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