डीडीए के 11 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर का आदेश, 9 अधिकारियों के पेंशन में भी होगी कटौती

Published : Aug 11, 2022, 09:50 PM ISTUpdated : Aug 11, 2022, 10:01 PM IST
डीडीए के 11 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर का आदेश, 9 अधिकारियों के पेंशन में भी होगी कटौती

सार

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने नौ साल पुराने वित्तीय हेराफेरी के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के नौ सेवानिवृत्त और दो सेवारत अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के 11 अधिकारियों के खिलाफ वित्तीय हेराफेरी के मामले में केस दर्ज किया जाएगा। 9 साल पुराने वित्तीय हेराफेरी के मामले में उप राज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) ने एफआईआर का आदेश दिया है। हेराफेरी में शामिल 11 में से 9 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। इनको पूर्ण पेंशन के लाभ से भी वंचित करने का आदेश हुआ है।

डीडीए अध्यक्ष की हैसियत से एलजी ने दिया आदेश

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने नौ साल पुराने वित्तीय हेराफेरी के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के नौ सेवानिवृत्त और दो सेवारत अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि Lieutenant Governor, जो डीडीए के अध्यक्ष हैं, ने नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन को स्थायी रूप से वापस लेने का भी आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला किंग्सवे कैंप में कोरोनेशन पार्क के अपग्रेडेशन और सौंदर्यीकरण के कार्य से संबंधित है। यह कार्य 2013 में दिया गया था। इस प्रोजेक्ट की टेंडर लागत 14.24 करोड़ रुपये थी, लेकिन नरेला और धीरपुर में 114.83 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कार्य बिना किसी स्वीकृति के किए गए। 14.24 करोड़ रुपये की मूल परियोजना लागत को बढ़ाकर 28.36 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप एजेंसी को कुल 142.08 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। अधिकारियों ने कहा कि कैग ने 2016 में अपनी रिपोर्ट में इस घोर अनियमितता की ओर इशारा किया था।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के वर्क्स मैनुअल के दुरुपयोग व कोडल फार्मेलिटीज का उल्लंघन 2013 में किया गया था। इस मामले में डीडीए के तत्कालीन सदस्य (वित्त) और तत्कालीन सदस्य (इंजीनियरिंग) के अलावा नौ अन्य अधिकारियों को आरोपित किया गया है। राजभवन में इस मामले की फाइल पहुंचने के बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने बतौर डीडीए अध्यक्ष, एफआईआर का आदेश दिया है। नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों में एक मुख्य अभियंता, एक अधीक्षक अभियंता और एक कार्यकारी अभियंता भी शामिल हैं। अन्य आरोपी वित्त और लेखा विभागों में कार्यरत थे।

इनके खिलाफ हुई कार्रवाई

तत्कालीन सदस्य (इंजीनियरिंग) अभय कुमार सिन्हा, तत्कालीन सदस्य (वित्त) वेंकटेश मोहन, मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) ओम प्रकाश, अधीक्षण अभियंता (सेवानिवृत्त) नाहर सिंह,  एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (सेवानिवृत्त) जेपी शर्मा, सीएओ (सेवानिवृत्त) पीके चावला, एएओ (सेवानिवृत्त) जसवीर सिंह, एएडी (सेवानिवृत्त) एससी मोंगिया, एई (सेवानिवृत्त) एससी मित्तल, एई (सेवानिवृत्त) आरसी जैन, और एई (सेवानिवृत्त) दिलबाग सिंह बैंस।

यह भी पढ़ें:

नीतीश कुमार को समर्थन देने के बाद तेजस्वी का बड़ा आरोप- गठबंधन वाली पार्टी को खत्म कर देती है BJP

जेपी के चेलों की फिर एकसाथ आने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है, यूं ही नीतीश-लालू की पार्टी की नहीं बढ़ी नजदीकियां

बिहार में नीतीश कुमार व बीजेपी में सबकुछ खत्म? 10 फैक्ट्स क्यों जेडीयू ने एनडीए को छोड़ने का बनाया मन

क्या नीतीश कुमार की JDU छोड़ेगी NDA का साथ? या महाराष्ट्र जैसे हालत की आशंका से बुलाई मीटिंग

NDA में दरार! बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने किया ऐलान-मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे

RCP Singh quit JDU: 9 साल में 58 प्लॉट्स रजिस्ट्री, 800 कट्ठा जमीन लिया बैनामा, पार्टी ने पूछा कहां से आया धन?

PREV

Recommended Stories

कुछ भयानक दर्दनाक-कुछ सुकून भरा...2025 में गुजरात को क्यों रखा जाएगा याद?
Bangladesh में हिंदुओं पर अत्याचार: भड़के Dhirendra Krishna Shashtri और Swami Rambhadracharya