केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर आफिस में धमकी भरे 3 कॉल, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का नाम लिया

अपनी कार्यशैली के चलते लोकप्रिय केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को जाने से मारने की धमकी मिलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नागपुर में गडकरी के दफ्तर में तीन बार धमकी भरे फोन किए गए। मामला सामने आते ही पुलिस जांच में जुट गई है। 

Amitabh Budholiya | Published : Jan 14, 2023 9:08 AM IST / Updated: Jan 14 2023, 02:56 PM IST

नागपुर. अपनी कार्यशैली के चलते लोकप्रिय केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को जाने से मारने की धमकी मिलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नागपुर में गडकरी के दफ्तर में तीन बार धमकी भरे फोन किए गए। मामला सामने आते ही पुलिस जांच में जुट गई है। पुलिस ने बताया कि शनिवार को धमकी वाला पहला फोन कॉल सुबह 11:29 पर आया। दूसरा फोन कॉल 11:35 पर आया और तीसरा फोन कॉल दोपहर 12:32 पर आने की जानकारी सामने आई है। 

कॉल में फिरौती नहीं देने पर केंद्रीय मंत्री गडकरी को जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी देने वाले ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का नाम भी लिया गया। लगातार धमकी भरे कॉल आने के बाद गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जानकारी लगते ही सीनियर पुलिस अधिकारी गडकरी के कार्यालय पहुंचे हैं और जांच जारी है। 


नागपुर के डीसीपी राहुल मदाने मुताबिक गडकरी को तीन धमकी भरे फोन कॉल आए थे। पुलिस इसकी डिटेल निकाल रही है। क्राइम ब्रांच सीडीआर पर काम कर रही है। दफ्तर की मौजूदा सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, मंत्री गडकरी के कार्यक्रम स्थल पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नितिन गडकरी के नागपुर स्थित जनसंपर्क कार्यालय के बाहर चार टेलीफोन लगे हुए हैं। तीनों धमकी वाले कॉल इन्हीं नंबरों पर आए।मामले की जांच के लिए स्थानीय पुलिस के साथ महाराष्ट्र एटीएस भी जुट गई है। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को देखते हुए आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी हो रही है। धमकी देने वाले शख्स ने फिरौती की मांग भी की। हालांकि पुलिस ने फोन ट्रैस कर लिया है। यह कर्नाटक के किसी इलाके से किया गया था। 


गडकरी देश के हाईवे में सुधार और लगातार निर्माण को लेकर सुर्खियों में हैं। 12 जनवरी को नितिन गडकरी ने वाहन निर्माताओं से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए और अधिक सुरक्षा उपाय शामिल करने को कहा था। उन्होंने दो टूक कहा था कि अगर ये स्वेच्छा से किए जाते हैं, तो सरकार इसे अनिवार्य नहीं बनाना चाहती है। ऑटो एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में (जिसमें दो दिनों में 75 से अधि इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च हुए) मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में अगले पांच वर्षों में वैश्विक नंबर एक बनने की क्षमता है। 

एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, जिसे तीन साल के अंतराल पर आयोजित किया जा रहा है, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024 के अंत से पहले इन दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करना है, जबकि ऑटो उद्योग को सड़क सुरक्षा के लिए स्वत: कार्रवाई करें क्योंकि सरकार कुछ भी अनिवार्य नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा, "यदि आप निर्णय ले सकते हैं तो हम (आप) के लिए कुछ भी अनिवार्य नहीं बनाना चाहते हैं। यह हम सभी के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात होगी।"

मंत्री ने आगे कहा: "मैं वास्तव में बहुत खुश हूं और मैं फिर से आपको शुभकामनाएं दे रहा हूं कि पांच साल के भीतर वह दिन आएगा जब यह उद्योग दुनिया में नंबर एक विनिर्माण केंद्र होगा और आपके पास क्षमता है।" उन्होंने भरोसा जताया कि 2024 के अंत तक भारत का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर हो जाएगा। उन्होंने कहा, "इसलिए यहां मेरा एकमात्र सुझाव सुरक्षा के बारे में निवारक उपाय करना है। हम इसे लेकर बहुत संवेदनशील हैं।"  गडकरी ने कहा कि एयर बैग जैसे अतिरिक्त सुरक्षा फीचर के जरिए वाहनों की कीमत बढ़ाने से ज्यादा जरूरी लोगों की जिंदगी है।

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