Defence Budget 2020 : रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बजट के प्रावधान आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम होगा। यह रोजगार भी पैदा करेगा। इस बजट के प्रावधानों से भारतीय पैसा अपनी ही अर्थव्यवस्था में वापस आएगा।
नई दिल्ली। एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था। इस दौरान उन्होंने रक्षा क्षेत्र के बजट (Defence Budget 2022) में निजी क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (Research and Developmet) और घरेलू उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए 68 प्रतिशत धन आवंटन का प्रावधान रखा है। रक्षा जगत में काम करने वाले दिग्गजों का कहना है कि बजट के ये प्राधान रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के साथ ही इस क्षेत्र में नए रोजगारों का सृजन करेंगे।
अडाणी डिफेंस के अध्यक्ष बोले- आयात पर निर्भरता घटेगी
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के प्रेसिडेंट आशीष राजवंशी का कहना है कि वित्त मंत्री ने घरेलू उद्योग के लिए रक्षा में पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत आवंटन निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष के 58 प्रतिशत से 10 प्रतिशत अधिक है। यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि इससे निवेश भी आएगा। रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए बजट का 25 प्रतिशत आवंटन डीआरडीओ और अन्य रिसर्च संस्थानों के साथ सैन्य प्लेटफार्मों और पीपीपी मोड में काम करने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करेगा। राजवंशी ने कहा कि इससे आयात पर निर्भरता कम होगी और रोजगार सृजन होगा। अडाणी ग्रुप ने कुछ साल पहले ही रक्षा क्षेत्र में काम शुरू किया है। यह ग्रुप रक्षा बलों के लिए विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहा है। समूह को लगता है कि छोटे और मझोले उद्यम भी घरेलू रक्षा उद्योग के लिए बढ़ते बजट आवंटन से खुश हैं। उन्हें लगता है कि यह उनके लिए अधिक अवसर पैदा करेगा।
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मेक इन इंडिया माहौल को बढ़ावा मिलेगा
नागपुर स्थित जेएसआर डायनेमिक्स के चेयरमैन रिटायर्ड एयर मार्शल एसबी देव ने कहा कि घरेलू उद्योग को अवसर देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इससे हमारी जैसी कंपनियां भारत को इस क्षेत्र में उच्च स्तर की आत्मनिर्भरता हासिल कराएंगी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष आरके त्यागी ने कहा कि मेक इन इंडिया के माहौल को और बढ़ावा मिला है, क्योंकि उद्योग को भी दिख रहा है कि उनके के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट थे, जो पूरी तरह से आयातित थे। इनमें भारत में बने कोई भी कंपोनेंट्स भी शामिल नहीं थे। सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स को खत्म कर दिया है। अब इनका पूरी तरह से उत्पादन भारत में किया जाएगा।
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भारतीय कंपनियों को मिलेंगे ज्यादा मौके
रक्षा अधिकारियों का कहना है कि विदेशी प्रोजेक्ट्स को रद्द करने से भारत की कंपनियों को सुरक्षाबलों की जरूरत पूरी करने के लिए और अधिक अवसर मिलेंगे। रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व रक्षा प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि यह आत्मनिर्भर क्षेत्र के लिए सबसे बेहतर मौका है, जिसमें पूंजीगत व्यय का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था में ही पैसा वापस आएगा।
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