दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेहरौली में स्थित अनंग ताल (Anang Tal) को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के प्रमुख अनंत विजय की पहल पर भारत सरकार द्वारा यह नोटिफिकेशन जारी किया है।
Anang Tal Delhi. दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मेहरौली में कुतुबमीनार के पास स्थित अनंग ताल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के प्रमुख अनंत विजय ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह दिल्लीवासियों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने मोदी सरकार को भी धन्यवाद दिया है। अनंत विजय ने कहा कि जब हमने 2019 नवंबर में कुतुबमीनार का दौरा किया तो पता चला कि अनंग ताल कितना ऐतिहासिक है। यह दिल्ली के संस्थापक व महान सम्राट अनंग पाल तोमर की निशानी है और इसका राष्ट्रीय महत्व होना चाहिए। भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है तो बेहद खुशी हो रही है।
तरूण विजय ने और क्या कहा
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के प्रमुख तरूण विजय ने इस निर्णय पर अपार प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे जीवन में सबसे ज्यादा खुशी का क्षण है। मैं बहुत ही खुश हूं और खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि हमारी पहल रंग लाई और अनंग ताल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया। मैं अपनी सरकार के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि दिल्ली की स्थापना करने वाला सम्राट अनंग पाल तोमर को पहचान देने की कोशिश हुई है। यह भी सच है कि हमारी सरकार ने 1000 साल बाद दिल्ली की स्थापना करने वाले राजा को सम्मान दिया है। तरूण विजय ने कहा कि हजार साल पहले आक्रमणकारी जैसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली के ऑइकन को तोड़कर कुतुबमीनार का निर्माण करवा दिया, उसी समय यह ऐतिहासिक ताल भी नष्ट किया गया।
दिल्लीवासियों के गर्व का विषय
तरूण विजय ने कहा कि यह दिल्लीवासियों के लिए गर्व का विषय है कि दिल्ली के संस्थापक सम्राट अनंग पाल तोमर द्वारा न सिर्फ अनंग ताल का निर्माण कराया गया था बल्कि विष्णु स्तंभ जिसे आयरन पिलर के नाम से भी जाना जाता है, वह भी लाया गया था। यह दिल्ली के इतिहास के लिए भी महान क्षण है क्योंकि दिल्ली की स्थापना करने वाले अनंग पाल तोमर को मोदी सरकार द्वारा सम्मानजनक तरीके से राष्ट्रीय पहचान दी जा रही है। उन्होंने मेहरौली में कई झीलों का निर्माण कराया था, जिसे अब राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा रहा है। हम सब लगातार 2 साल से इस पर काम कर रहे हैं। इसके लिए पीएम मोदी की शुभकामनाओं के साथ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व संस्कृति मंत्रालय ने बेहतरीन काम किया है। मैं इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं और यह कहना चाहूंगा कि एनडीएमसी को अब दिल्ली की पहचान के लिए यह सिंबल इस्तेमाल करना चाहिए।
भारत सरकार ने की बड़ी पहल
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के प्रमुख तरूण विजय ने कहा कि केंद्र सरकार की इस घोषणा से पहले बहुत काम किया गया। उन्होंने बताया कि हजार साल पहले दिल्ली के संस्थापक राजा अनंग पाल तोमर द्वारा मिनी झील का निर्माण कराया गया था, जिसे अनंग ताल के नाम से जाना जाता है। संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल, मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इसका दौरा किया और जीर्णोद्धार की पहल की। इसके बाद राष्ट्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पूरी प्रक्रिया के साथ काम किया। हमने कई सारे सेमिनार किए। दर्जन भर से ज्यादा विश्वविद्यालयों के छात्रों से बात की गई। सभी ऐतिहासिक साक्ष्यों का गहन अध्ययन किया गया। उसी का परिणाम है कि अब अनंग ताल दिल्ली की नई पहचान बनने जा रहा है।
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