रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) जारी करने में हो रही देरी की शिकायतों पर सख्त रुख अख्तियार किया है। ग्राहकों को समय पर RC मिल सके, इसके लिए परिवहन विभाग ने पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है ताकि ग्राहकों को बिना किसी देरी के उनके वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र मिल सकें।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को भी देरी की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उन्होंने विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। विभागीय जांच में पाया गया कि कई डीलर डेटा एंट्री के लिए सिर्फ एक ही व्यक्ति को नियुक्त करते हैं, जिससे काम का बोझ बढ़ जाता है और पंजीकरण प्रक्रिया में देरी होती है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने वाहन डीलरों को निर्देश दिया है कि वे खुद ही पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करें। इन डीलरों को सेंट्रलाइज्ड व्हीकल पोर्टल (वाहन) पर खरीदारों का विवरण अपलोड करने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रिंटिंग मशीन हमेशा चालू हालत में हों।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सभी डीलरों से कहा है कि वे नियुक्त किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटरों के आधार से जुड़े प्रमाण पत्र जमा कराएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नई गाड़ी खरीदने वालों को समय पर आरसी मिल रही है। नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से अनुरोध किया गया है कि वह आधार आधारित लॉगिन सिस्टम लागू करे ताकि एक ही व्यक्ति एक से अधिक डीलरों के लिए डाटा एंट्री का काम न कर सके।
दिल्ली परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा था कि दिल्ली के बाहर के वाहनों को भी दिल्ली में पंजीकृत कराया जा सकता है, भले ही आधार कार्ड दिल्ली का न हो। वाहन पंजीकृत कराने वाले व्यक्ति दो पते दे सकते हैं, जिसमें आवेदक का एक स्थायी और एक वर्तमान पता होगा। पंजीकृत वाहन का आरसी केवल वर्तमान पते पर ही भेजा जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर आधार कार्ड दिल्ली से बाहर का है तो पंजीकरण तभी होगा जब दिल्ली से संबंधित कुछ जरूरी दस्तावेज हों।