साफ हवा नहीं दे सकते तो एयर प्यूरिफायर पर टैक्स ही कम करो- दिल्ली हाईकोर्ट

Published : Dec 24, 2025, 07:27 PM ISTUpdated : Dec 24, 2025, 07:46 PM IST
delhi air pollution

सार

दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण पर सरकार से सवाल किया कि जब हालात इमरजेंसी जैसे हैं तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST क्यों। कोर्ट ने कहा साफ हवा नागरिकों का अधिकार है और प्यूरीफायर लग्जरी नहीं, जरूरत हैं। PIL में GST 5% करने की मांग की गई है।

DID YOU KNOW ?
दिल्ली 4th सबसे प्रदूषित
IQAir की रियल-टाइम रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दुनिया का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। टॉप में ढाका, कोलकाता और बगदाद हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार 24 दिसंबर राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने पूछा, जब दिल्ली में हवा बिल्कुल भी साफ नहीं है और इमरजेंसी जैसे हालात बने हैं, तो एयर प्यूरीफायर पर 18% GST आखिर क्यों लगाया जा रहा है? कोर्ट ने नसीहत देते हुए कहा कि अगर सरकार जनता को साफ-सुथरी हवा नहीं दे पा रही है, तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर टैक्स ही घटा दे।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गडेला की बेंच ने कहा, देश में हर नागरिक को साफ हवा में सांस लेने का पूरा हक है। ऐसे में जबकि दिल्ली की हवा प्रदूषित हो चुकी है, लोग ज्यादा से ज्यादा एयर प्यूरिफायर खरीदना चाहते हैं, ताकि कुछ राहत मिले। लेकिन सरकार द्वारा इसे लग्जरी आइटम की श्रेणी में रखकर 18% GST लगाना क्या उचित है।

केंद्र के वकील ने कहा- GST काउंसिल को लेना होगा फैसला

कोर्ट ने सरकार से कहा, आप जानते हैं कि हम एक दिन में कितनी बार सांस लेते हैं, कम से कम 21,000 बार। सिर्फ यह हिसाब लगाएं कि आप दिन में 21000 बार सांस लेकर अपने फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं और ये सबकुछ जनता को न चाहते हुए भी करना पड़ रहा है। वहीं, इस पूरे मामले पर सरकार के वकील ने कहा कि यह मामला GST काउंसिल के पॉलिसी डोमेन में आता है, जो सभी राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधियों वाली एक बॉडी है और कोई भी मीटिंग केंद्र के वित्त मंत्री को बुलानी होगी, जो काउंसिल के चेयरमैन हैं। यह मानते हुए कि GST काउंसिल एक पैन-इंडिया बॉडी है और मीटिंग बुलाने में समय लग सकता है, बेंच ने दिल्ली और आस-पास के इलाकों में खराब हवा की क्वालिटी का हवाला देते हुए निर्देश दिया कि काउंसिल जल्द से जल्द मीटिंग करे और याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। 

दिल्ली की कई जगहों पर AQI 350 के पार

दरअसल, कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी, जिसमें डिमांड की गई थी कि एयर प्यूरीफायर को मेडिकल उपकरणों की श्रेणी में रखा जाए और इस पर GST 18% से कम करके 5% किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया कि दिल्ली में गंभीर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के चलते एयर प्यूरीफायर कोई लग्जरी आइटम नहीं, बल्कि जरूरत का सामान बन चुका है। याचिकाकर्ता ने कहा कि गंभीर AQI में बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए एयर प्यूरीफायर बहुत जरूरी हैं। ऐसे में इन पर मोटा टैक्स लेना, कहीं न कहीं जनता पर एक्स्ट्रा बोझ डालता है। CPCB के डेटा के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों, जैसे ITO और इंडिया गेट में हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' दर्ज की गई, जिसमें AQI लेवल 350 से ज्यादा हो गया है। दिल्ली-NCR में GRAP स्टेज-4 के उपाय लागू कर दिए गए हैं।

 

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