दिल्ली: 3 दिन से कोई घटना नहीं, कर्फ्यू टाइमिंग में भी राहत, जानिए कैसे शुरू हुई हिंसा

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में अब शांति है। 25 फरवरी की शाम से कहीं पर भी हिंसा की खबर नहीं आई। शनिवार को मौजपुर, जाफराबाद, बाबरपुर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।  

Asianet News Hindi | Published : Feb 29, 2020 10:33 AM IST / Updated: Mar 01 2020, 08:26 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में अब शांति है। 25 फरवरी की शाम से कहीं पर भी हिंसा की खबर नहीं आई। शनिवार को मौजपुर, जाफराबाद, बाबरपुर इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इस दौरान स्पेशल सीपी सतीश गोलचा ने लोगों से बात करके उनका विश्वास जीतने की कोशिश की। सतीश गोलचा ने कहा कि पिछले 3 से ज्यादा दिन से कोई घटना नहीं हुई है, इ​सलिए हमने कर्फ्यू के टाइमिंग में भी राहत दी है।

दिल्ली में क्या हुआ था?
देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 3 दिनों तक हिंसा हुई, जिसकी शुरुआत रविवार (23 फरवरी) से हुई। पुलिस के मुताबिक, अब तक 42 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल और IB के कर्मचारी अंकित शर्मा भी शामिल हैं। अंकित शर्मा का शव एक नाले में मिला था। वहीं रतन लाल की पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी मौत गोली लगने की वजह से हुई। 

दिल्ली में हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
दिल्ली में हिंसा की शुरुआत रविवार की शाम से हुई। रविवार की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं। दोपहर होते होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। वे भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, सीएए के समर्थन में मौजपुरा में प्रदर्शन। मौजपुर चौक पर जाफराबाद के सामने। कद बढ़ा नहीं करते। एड़ियां उठाने से। सीएए वापस नहीं होगा। सड़कों पर बीबियां बिठाने से।' 
- भाजपा समर्थकों के सड़क पर उतरने के बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक बंद हो गया है। समर्थन में लोग सड़कों पर बैठ गए हैं। इसी दौरान सीएए का विरोध करने वाले और समर्थन करने वाले दो गुटों में पत्थरबाजी हुई। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई।

दिल्ली हिंसा जांच के लिए दो SIT गठित
दिल्ली हिंसा की जांच करने के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है। एक का नेतृत्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर जॉय टिर्की करेंगे और दूसरी टीम का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव करेंगे। पुलिस ने अब तक 48 FIR दर्ज किया है। दोनों टीमों की SIT में सहायक पुलिस आयुक्त रैंक के चार अधिकारी भी होंगे और जांच की निगरानी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह करेंगे।

42 मौत, 123 FIR, हिरासत में 630 लोग
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा के दौरान 42 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने 123 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा 630 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

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