दिल्ली पुलिस ने कहा- FIR में ग्रेटा थनबर्ग का नाम नहीं, मामला टूल किट बनाने वाले के खिलाफ दर्ज हुआ

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर मामला दर्ज किया है। हालांकि, पुलिस ने साफ कर दिया है कि एफआईआर में किसी का नाम नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2021 11:00 AM IST / Updated: Feb 04 2021, 06:28 PM IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर मामला दर्ज किया है। हालांकि, पुलिस ने साफ कर दिया है कि एफआईआर में किसी का नाम नहीं है। बल्कि यह केस टूल किट बनाने वाले पर किया गया है। दरअसल, एक दिन पहले ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन के लिए टूल किट जारी किया था। इसमें उनकी भारत विरोधी साजिशों को अंजाम देने का भी खुलासा हुआ था। 

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 153A , 120B के तहत एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, ग्रेटा ने ट्वीट कर कहा, मैं अब भी किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को समर्थन दे रही हूं। किस भी तरह की नफरत, धमकियां और मानवाधिकारों के हनन से इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला।

क्या है मामला?
रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस समेत कई विदेशी हस्तियों ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए। वहीं, इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपील की है कि किसी भी विदेशी हस्ती को बिना तथ्य जांचे, इस मामले में अपनी राय नहीं रखनी चाहिए।

शाह बोले- दुष्प्रचार भारत के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में ट्वीट किया, कोई भी दुष्प्रचार भारत की एकता को डिगा नहीं सकता है! कोई भी दुष्प्रचार भारत को नई ऊंचाइयां छूने से रोक नहीं सकता है! दुष्प्रचार भारत के भाग्य का फैसला नहीं कर सकता, सिर्फ प्रगति ही यह कार्य कर सकती है। भारत प्रगति करने के लिए एकजुट है और एकसाथ है। #IndiaAgainstPropaganda
#IndiaTogether

विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा, कुछ बड़ी हस्तियों ने किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर सनसनीखेज हैशटैग के साथ टिप्पणी की। यह गैर जिम्मेदाराना थी। क्यों कि ये कानून संसद में चर्चा के बाद संवैधानिक तरीके से पास हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, इस तरह की टिप्पणी करने वाली हस्तियों से अपील करते हैं कि पहले वे सही तथ्यों की जांच करें, इसके बाद सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों पर अपनी बात रखें।

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