दिल्ली : 3000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का हुआ पंजीयन, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने का असर दिखने लगा है। दिल्ली में अब तक 3000 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन हो चुका है। केजरीवाल सरकार द्वारा ई वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से स्क्रैप इंसेटिव, नए चार्जिंग स्टेशन सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अन्य बुनियादी सुविधाएं भी तैयार की जा रहीं हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 29, 2020 10:02 AM IST / Updated: Oct 29 2020, 03:34 PM IST

नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने का असर दिखने लगा है। दिल्ली में अब तक 3000 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन हो चुका है। केजरीवाल सरकार द्वारा ई वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से स्क्रैप इंसेटिव, नए चार्जिंग स्टेशन सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अन्य बुनियादी सुविधाएं भी तैयार की जा रहीं हैं। दरअसल, ये सब सरकार के प्रयासों से संभव हुआ है। हाल ही में केजरीवाल सरकार ने रोड टैक्स और रजिस्ट्रशन शुल्क में भी लोगों को राहत दी ताकि कम से कम खर्च में लोगों को बेहतर परिवहन साधन के इस्तेमाल का मौका मिल सके। 

देश का पहला राज्य बना दिल्ली जहां 3000 से ज्यादा पंजीकृत वाहन

अब दिल्ली देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां सरकार की 'इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति' आने के बाद कुछ ही हफ़्तों में लोगों ने 3000 इलेक्ट्रिकल व्हीकल खरीदे। दिल्ली पहला राज्य होगा जहाँ इतनी तेज़ी से पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां ले रही है। इससे दिल्लीवासियों और कंपनियों को हर तरह से फायदा हो रहा है। पर्यावरण को ही देखें, तो दिल्ली में सरकार के प्रदूषण को हराने के प्रयासों को इससे बहुत मदद मिलेगी। 

विश्व भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की दिल्ली बने राजधानी- सीएम केजरीवाल

दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल कई बार अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं। दिल्ली सरकार की योजना है कि साल 2024 तक नए निकलने वाले वाहनों में 25 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए। इसके अलावा सार्वजनिक बसों के बेड़े को दोगुना किया जाएगा। नई खरीदी जाने वाली बसों में से 50 फीसदी इलेक्ट्रिक होंगी। दिल्ली सरकार का दिल्ली को विश्व भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी बनाने का लक्ष्य है। 

इलेक्ट्रिक वाहनों से होगा प्रदूषण कम

दिल्ली की सड़कों पर डीजल -पेट्रोल की गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियां आने से प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा। इस नीति से लोगों को होने वाले फायदों की बात करें तो लोगों को एक तरफ़ जहाँ इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर भारी सब्सिडी और विभिन्न टैक्सेज से छुटकारा मिल रहा है, वहीं रोज़मर्रा के खर्चों में भी भारी कमी आएगी। एक इलेक्ट्रिक गाडी पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली गाडी के मुकाबले 40 % कम खर्चे पर चलती है। इससे जनता की हर तरफ़ बचत हो रही है। 

कंपनियों को उत्पादन क्षमता बढ़ानी होंगी

दरअसल, वाहन निर्माता कंपनियां भी नई टेक्नोलॉजी से बनने वाली गाड़ियों का जब बड़े स्तर पर उत्पादन करेंगी तो उसका फायदा ही होगा। जहां देश के दुसरे राज्य जैसे - कर्नाटक और महाराष्ट्र की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीतियां बस सरकारी कागज़ों की शोभा बढ़ा रही है और जनता को किसी तरह का लाभ नहीं पंहुचा रही है, तो वहीं दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति अब देश की सबसे शानदार नीति बनती दिख रही है।

दिल्ली के लोगों से सीएम केजरीवाल ने की अपील 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए  प्रदूषण के खिलाफ अभियान के तहत ‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ अभियान शुरूआत की। दिल्लीवासियों से अपील करते हुए सीएम ने कहा कि लाल बत्ती पर अपनी गाड़ी बंद करते हुए प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दें, इससे ईंधन की भी बचत होगी।


 

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