Delhi Riots : नफरत भरे भाषण देने के मामले में सोनिया, राहुल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को HC का नोटिस

2020 में दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में तमाम नेताओं पर भाषणों के जरिये नफरत फैलाने के आरोप लगे थे। कुछ शिकायतों के बैच की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को नोटिस जारी किया है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। 

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा (Delhi Riots) और नेताओं के नफरत भरे भाषणों (Hate speach) के एक बैच की सुनवाई की। इस मौके पर कोर्ट ने राहुल गांधी (Rahul gandhi) , सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Takur) समेत कई नेताओं को नोटिस जारी किए। इस दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता द्वारा प्रोसेसिंग फीस नहीं जमा करने पर नाराजगी भी जताई।  

कोर्ट बुलाने की मांग पर पर पीठ ने कहा- ये आरोपी नहीं
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से उनके भड़काऊ भाषणों को लेकर शिकायत करते हुए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने इन नेताओं को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रवेश साहिब वर्मा, कपिल मिश्रा और अन्य को नए सिरे से नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इन नए पक्षों को आरोपी के रूप में बुलाने की वकील की मांग पर नाराजगी भी जताई और कहा कि ये सिर्फ प्रस्तावित प्रतिवादी हैं, आरोपी नहीं हैं। हम उनका जवाब मांग रहे हैं, क्योंकि आपने उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। 

इन नेताओं पर भी लगे आरोप 
कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी, वारिस पठान और कार्यकर्ता हर्ष मंदर सहित अन्य को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल, 2022 को होगी।   

सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए थे दिल्ली दंगे   
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में जबरदस्त हिंसा हुई थी। इस दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर कोर्ट में याचिकाएं दायर हुई थीं। कोर्ट इन्हीं की सुनवाई कर रही है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) लागू करने के विरोध में प्रदर्शनों के बाद यह हिंसा हुई थीं। 

यह भी पढ़ें दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद की जमानत पर कोर्ट 23 मार्च को सुनाएगा फैसला

PFI की भूमिका की जांच कराने की मांग 
याचिकाकर्ताओं में से एक अजय गौतम ने पहले कहा था कि दिल्ली में हिंसा रात में नहीं हुई थी, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे इस मामले में शामिल थे। उन्होंने अदालत से केंद्र को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आंदोलन के पीछे "राष्ट्र विरोधी ताकतों" का पता लगाने और पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की भूमिका की जांच करने का आदेश देने का निर्देश देने का आग्रह किया है। आरोप है कि PFI ऐसे दंगों को फंडिंग कर रहा है और राष्ट्र विरोध का समर्थन कर रहा है। 
  
यह भी पढ़ें पश्चिम बंगाल के बीरभूम में TMC नेता पर बम से हमले के बाद हिंसा भड़की, 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts