दिल्ली दंगों में उमर खालिद की जमानत याचिका : कोर्ट ने कहा- रिपोर्टिंग करें लेकिन स्क्रीनशॉट शेयर न करें

Delhi Riots 2022 : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने बुधवार को विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद द्वारा पेश की गई फोटोज के स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले एक न्यूज प्लेटफॉर्म पर आपत्ति जताई। इस पर कोर्ट ने मीडिया को स्क्रीनशॉट शेयर नहीं करने के निर्देश दिए। 
 

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों (Delhi riots 2020) में जेएनयू के पूव छात्र उमर खालिद की भूमिका को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई जारी रही। इस बीच कोर्ट ने कहा कि अदालत में हो रही कार्रवाई की रिपोर्टिंग करने के लिए मीडिया का स्वागत है, लेकिन वर्चुअल हियरिंग के दौरान स्क्रीनशॉट नहीं लें। कोर्ट ने कहा कि इन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और न्यूज वेबसाइट्स पर शेयर नहीं करना चाहिए।  

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने बुधवार को विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद द्वारा पेश की गई फोटोज के स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले एक न्यूज प्लेटफॉर्म पर आपत्ति जताई। इस पर कोर्ट ने मीडिया को स्क्रीनशॉट शेयर नहीं करने के निर्देश दिए। 

रेबेका जॉन की आपत्ति, यह निजता का उल्लंघन 
जॉन ने कहा - अमित प्रसाद ने कुछ स्क्रीनशॉट कोर्ट के साथ साझा किए थे। उन्होंने कई नंबर भी शेयर किए थे। मीडिया ने इनका स्क्रीनशॉट लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। यह हमारी अदालती व्यवस्था से बहुत परे है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले में मीडिया को चेतावनी दी थी कि यह बहुत सारे लोगों की निजता का उल्लंघन है। 

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अदालत के तर्कों की रिपोर्टिंग पर रोक नहीं
उन्होंने कहा कि स्क्रीनशॉट शेयर करना और स्क्रीन पर रखी गई फोटोज को शेयर करना अवमाननापूर्ण बर्ताव है। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में रुचि को समझती हूं लेकिन हमें ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो आरोपी व्यक्तियों के लिए प्रतिकूल हो। इस पर न्यायाधीश रावत ने कहा कि अदालत में जो भी तर्क दिया जा रहा है, उसकी रिपोर्ट की जा सकती है, लेकिन स्क्रीनशॉट नहीं डाले जा सकते हैं। रिपोर्ट करें, लेकिन स्क्रीनशॉट न लें। जॉन ने यह भी बताया कि स्क्रीनशॉट में आरोपी और गैर-आरोपी दोनों की निजी जानकारी थी। हम नहीं चाहते कि यह कुछ और बने। 

न्यूज प्लेटफॉर्म से ट्वीट डिलीट करने का आदेश देने की मांग 
जॉन ने Lawbeat नामक न्यूज प्लेटफॉर्म का नाम लेते हुए कहा कि इस मंच पर बहुत सारे ट्वीट थे। उन्होंने कोर्ट से लॉ बीट के इन ट्वीट्स को डिलीट करने का आदेश देने का अनुरोध किया। इस पर सरकारी वकील अमित प्रसाद ने कहा कि आरोपी द्वारा एक आवेदन दिया जा सकता है। इसे लेकर अदालत आदेश देने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि जो उचित है वह उचित है। मैं महोदया (रेबेका जॉन) से एक आवेदन पेश करने का अनुरोध करूंगा। उनके आवेदन पर कोर्ट आदेश पारित कर सकती है। 

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