भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इन प्रदर्शनों के सहारे देश ही नहीं विदेशों में भी बैठे लोग भी अपने प्रोपेगेंडा को पूरा करने में जुटे हैं। हाल ही में हमने किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों के ट्वीट भी देखे। अब विदेशी मीडिया भी किसान आंदोलन के सहारे भारत के खिलाफ झूठ फैलाने में जुटी है। आईए जानते हैं कि क्या मामला है?
नई दिल्ली. भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इन प्रदर्शनों के सहारे देश ही नहीं विदेशों में भी बैठे लोग भी अपने प्रोपेगेंडा को पूरा करने में जुटे हैं। हाल ही में हमने किसान आंदोलन को लेकर विदेशी हस्तियों के ट्वीट भी देखे। अब विदेशी मीडिया भी किसान आंदोलन के सहारे भारत के खिलाफ झूठ फैलाने में जुटी है। आईए जानते हैं कि क्या मामला है?
ब्रिटिश वेबसाइट डेली मेल ने किसान आंदोलन को लेकर एक रिपोर्ट छापी है। इसमें दावा किया गया है कि 26 जनवरी को हिंसा के दौरान एक किसान की मौत गोली लगने से हुई थी। इतना ही नहीं वेबसाइट ने यह दावा चश्मदीदों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिले संकेतों के आधार पर किया है। जबकि इसकी सच्चाई कुछ और है।
क्या है मामला?
डेली मेल ने जिस शख्स का जिक्र किया है, वह नवरीत सिंह है। नवरीत ऑस्ट्रेलिया में रहते थे। वे अपनी शादी के बाद अपनी पत्नी को परिवार से मिलाने भारत आए थे। लेकिन उसके बाद लॉकडाउन हो गया। वे भारत में ही रह गए। अब वे भारत में चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने राजधानी पहुंचे थे। नवरीत की मौत 26 जनवरी को हुई थी।
कैसे हुई मौत ?
26 जनवरी को नवरीत सिंह की मौत दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई थी। नवरीत का ट्रैक्टर दिल्ली पुलिस के बैरिकेड से टकराने के बाद पलट गया था। हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने वीडियो जारी किया था। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे नवरीत ने तेज रफ्तार ट्रैक्टर से बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की थी। इसी कोशिश के बाद उनका ट्रैक्टर पलट गया और इससे दबकर उनकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने भी नवरीत की मौत की वजह यही बताई थी।
पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा
इस मामले को लेकर विपक्ष ने काफी विरोध किया था। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, किसान की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि ट्रैक्टर के पलटने से आई चोटों के कारण हुई है। एडीजी बरेली अविनाश चंद्रा ने बताया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई और अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुई है।