अंडरग्राउंड एन्ट्रेंस से लेकर बिल्डिंग का डायमंड लुक...जानें संसद भवन से जुड़े 9 सबसे इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

पुराने संसद भवन का आकार गोल है, जबकि नई संसद तिकोने आकार में होगी। इसके चलते नई और पुरानी बिल्डिंग्स एक साथ देखने पर डायमंड लुक नजर आएगा। संसद भवन की पुरानी इमारत को ब्रिटिश काल में बनाया गया था। बिल्डिंग को एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 10, 2020 3:41 AM IST / Updated: Dec 10 2020, 02:10 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद भवन की नई बिल्डिंग का शिलान्यास किया। अभी तक जिस संसद भवन में कामकाज हो रहा था, वो अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुआ था। आधुनिक सुविधाओं से बन रहा नया संसद भवन 2022 तक पूरा होगा, जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ बना रहा होगा।

संसद भवन की नई बिल्डिंग के बारे में इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...

1- नई-पुरानी बिल्डिंग्स को दिया जाएगा डायमंड लुक
पुराने संसद भवन का आकार गोल है, जबकि नई संसद तिकोने आकार में होगी। इसके चलते नई और पुरानी बिल्डिंग्स एक साथ देखने पर डायमंड लुक नजर आएगा। 

2- ब्रिटिश काल में बनी थी पुरानी इमारत
संसद भवन की पुरानी इमारत को ब्रिटिश काल में बनाया गया था। बिल्डिंग को एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था।

3- पुरानी इमारत 83 लाख में 6 साल में बनी 
मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और निर्माण में छह साल लगे थे और उस समय 83 लाख रुपए की लागत आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था। नए भवन में 64,500 वर्ग मीटर का क्षेत्र होगा। 

4- नई इमारत में पार्किंग स्थल सहित कई सुविधा
नए भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत, संसद के सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल, रिलीज के लिए एक भव्य संविधान हॉल भी होगा।

5- नई इमारत में 1224 सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता
नए भवन में लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा में सदस्यों के लिए 384 सीटें होंगी। लोक सभा कक्ष में संयुक्त सत्र के दौरान 1,224 सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता होगी। यह दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में भविष्य की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए किया गया है। 

6- सितंबर में टाटा प्रोजेक्ट्स को मिला इमारत का काम
इस साल सितंबर में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन के निर्माण के लिए बोली लगाई थी। नए भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत किया जाएगा। मौजूदा संसद भवन का निर्माण संसदीय आयोजनों के लिए अधिक कार्यात्मक स्थान प्रदान करने के लिए उपयुक्त रूप से रेट्रो-फिट किया जाएगा, ताकि नए भवन के साथ इसका उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

7- 917 करोड़ में 2022 तक पूरा होगा काम
नई बिल्डिंग में हर सांसद का अपना एक दफ्तर होगा। बिल्डिंग की कुल लागत 971 करोड़ अनुमानित है। अगस्त 2022 तक प्रोजेक्ट का काम पूरा होगा। मौजूदा इमारत व्यास में 560 फीट की एक विशाल गोलाकार इमारत है। पार्लियामेंट हाउस एस्टेट एक सजावटी लाल बलुआ पत्थर की दीवार या लोहे के गेट से घिरा हुआ है, जिसे अवसरों की मांग के अनुसार बंद किया जा सकता है।

8- हर काम के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे
संसद के हरेक अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस की सुविधा होगी।

9- वीवीआईपी के लिए अंडरग्राउंड एन्ट्रेंस होगा
वीवीआईपी के लिए अंडरग्राउंड एन्ट्रेंस, जबकि आम लोगों और अधिकारियों के लिए ग्राउंड फ्लोर से एंट्री होगी।

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