क्या होती है Z और Z+ सिक्योरिटी? किन्हें, क्यों और किन हालातों में दी जाती है इस लेवल की सुरक्षा

मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ा दी गइ है। गृह मंत्रालय ने उन्हें Z से अब Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। हालांकि, सिक्योरिटी पर आने वाला खर्च खुद मुकेश अंबानी उठाएंगे। बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की सिफारिश के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सिक्योरिटी Z+ करने का फैसला किया है। 

Mukesh Ambani Security: मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ा दी गइ है। गृह मंत्रालय ने उन्हें Z से अब Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। हालांकि, सिक्योरिटी पर आने वाला खर्च खुद मुकेश अंबानी उठाएंगे। इस पर हर महीने करीब 40-45 लाख रुपए खर्च होगा। बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की सिफारिश के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सिक्योरिटी Z+ करने का फैसला किया है। आखिर किसे दी जाती है किस लेवल की सिक्योरिटी?  Z और Z+ सिक्योरिटी में क्या है अंतर? आइए जानते हैं।  

अंबानी को क्यों दी गई Z+ सिक्योरिटी?
वीवीआईपी, वीआईपी में किसे और कौन-सी सिक्योरिटी दी जाएगी, यह खुफिया एजेंसियों के इनपुट्स और खतरे के आधार पर तय किया जाता है। बता दें कि मुकेश अंबानी की सुरक्षा बढ़ाने के लिए IB ने सिफारिश की थी। दरअसल, 2021 में उनके घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार बरामद हुई थी, जिसमें जिलेटिन छड़ें मिली थीं। इसके अलावा उन्हें धमकी भरे फोन भी आ चुके हैं। 

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कितने कैटेगरी की होती है सिक्योरिटी?
भारत में सुरक्षा व्यवस्था को 4 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें X, Y, Z और Z+ कैटेगरी शामिल हैं। इस बात का फैसला गृह मंत्रालय लेता है कि किसे कौन-सी कैटेगरी की सिक्योरिटी देनी है। सरकार सुरक्षा में खतरे के आधार पर वीआईपी सुरक्षा राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, जज, बिजनेसमैन, ब्यूरोक्रेट्स, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिक किसी को भी दे सकती है।

X कैटेगरी सुरक्षा : 
यह बेसिक प्रोटेक्शन है, जो छोटे नेताओं या अभिनेताओं को भी दी जा सकती है। इसमें केवल दो सुरक्षाकर्मी होते हैं और एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर होता है। इसमें कंमाडो नहीं होता है। देश के करीब 65 लोगों को इस कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है। 

Y कैटेगरी सुरक्षा : 
Y कैटेगरी सिक्योरिटी वीआईपी लेवल के लोगों को मिलने वाली सुरक्षा है। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी होतें हैं, जिनमें से 2 कमांडो और 2 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी होते हैं। 

Z कैटेगरी सुरक्षा : 
Z कैटेगरी सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं। इस कैटेगरी की सिक्योरिटी में दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और ITBP के कमांडो भी होते हैं। इस कैटेगरी की सुरक्षा में एस्कॉर्ट कार होती है, जिसमें तैनात कमांडो मशीनगन के साथ होते हैं। इसके अलावा ये मार्शल आर्ट्स में भी माहिर होते हैं। 

Z+ कैटेगरी सुरक्षा : 
यह एसपीजी के बाद दूसरी सबसे मजबूत सिक्योरिटी है। Z+ सिक्योरिटी ज्यादातर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों, मशहूर राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है। इसमें 10 एनएसजी कमांडो समेत 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। सुरक्षा में लगे कमांडो 24 घंटे हथियारों से लैस रहते हैं। यह सुरक्षा तीन घेरे की होती है। पहले घेरे में NSG कमांडो होते हैं। इसके बाद एसपीजी के अधिकारी रहते हैं। तीसरे घेरे में आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान होते हैं। इसमें एक्सकॉर्ट्स और पायलट व्हीकल भी मिलते हैं। 

मुकेश अंबानी को Z+ और नीता अंबानी को Y+ सिक्योरिटी
2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने मुकेश अंबानी को Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी दी थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है। हालांकि, बीच में मुकेश अंबानी से Z+ सुरक्षा वापस ले ली गई थी। लेकिन अब उन्हें एक बार फिर इसे दिया गया है।

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