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अंबानी की सिक्योरिटी में 24 घंटे लगे रहते हैं इतने जवान, जानें Z+ सुरक्षा पर कितना खर्च करते हैं मुकेश
Mukesh Ambani Z Plus Security: विकास साहा ने त्रिपुरा हाईकोर्ट में अंबानी की Z+ सिक्योरिटी के खिलाफ एक पीआईएल दायर की थी। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र से सवाल-जवाब करते हुए उस खतरे के आकलन की डिटेल मांगी थी, जिसके आधार पर अंबानी और उनकी फैमिली को सुरक्षा दी गई है। इससे नाराज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा पहले की तरह जारी रखने की अनुमति दी है। आखिर सरकार की तरफ से कैसी और कितनी है अंबानी की सिक्योरिटी, आइए जानते हैं।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में सीआरपीएफ के 25 कमांडो 24 घंटे तैनात रहते हैं। ये जवान जर्मन में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन समेत कई मॉर्डर्न हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं।
अंबानी की सिक्योरिटी में शामिल हर जवान मार्शल आर्ट में माहिर होता है। अंबानी की सुरक्षा में तैनात CRPF कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स के अलावा उनके साथ चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और तलाशी लेने वाली टीम शामिल है।
अंबानी की सुरक्षा में तैनात ये कमांडो दो शिफ्ट में काम करते हैं। CRPF के जवान अंबानी के घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों और लोगों पर भी नजर रखते हैं। अंबानी के घर के आसपास CCTV कैमरे लगे हुए हैं। वहीं हथियारों से लैस जवान घर के गेट के अलावा बिल्डिंग के अंदर और गाड़ियों के पास भी तैनात रहते हैं।
CRPF के अलावा मुकेश अंबानी के पास 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के उनके साथ रहते हैं। इन पर्सनल गार्ड्स को इजराइल की एक सिक्योरिटी फर्म ने ट्रेंड किया है। ये मार्शल आर्ट की तकनीक क्राव मगा जानते हैं।
मुकेश अंबानी बुलेटप्रूफ BMW या मर्सिडीज कार से चलते हैं। वहीं उनके सिक्योरिटी गार्ड्स रेंज रोवर में चलते हैं। उनके काफिले में CRPF और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स की 6 से 8 गाड़ियां चलती हैं। इनमें से आधी गाड़ियां अंबानी की गाड़ी के आगे और बाकी उनकी कार के पीछे चलती हैं।
मुकेश अंबानी और उनकी फैमिली को मिली Z+ सिक्योरिटी पर हर महीने 15-20 लाख रुपए का खर्च आता है। ये सारा खर्च अंबानी खुद उठाते हैं। वैसे, ज्यादातर मामलों में Z+ सिक्योरिटी का खर्च सरकार उठाती है। इस खर्च में उनकी सिक्योरिटी में तैनात जवानों की सैलरी और सुरक्षा में तैनात गाड़ियों का खर्च शामिल है।
अंबानी और उनकी फैमिली को मिलने वाली Z+ सिक्योरिटी के अलावा उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर स्थित रिफाइनरी की सुरक्षा का जिम्मा CISF यानी (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी) के हाथ में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए रिलांयस CISF को हर महीने 34 लाख रुपए देती है।
अंबानी को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से धमकी मिलने के बाद UPA सरकार ने 2013 में Z सिक्योरिटी देने का फैसला किया था। बाद में खुफिया एजेंसियों द्वारा उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद इसे Z से बढ़ाकर Z प्लस कर दिया गया।
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