DLF लैंड डील केस में राबर्ट बाड्रा को क्लीन चिट नहीं: हरियाणा सरकार का दावा-SIT कर रही जांच, राजस्व नुकसान से लेकर अंडर टेबल डीलिंग को खंगाला जा रहा

Published : Apr 21, 2023, 06:24 PM IST
Robert Vadra says that he is proud of wife Priyanka Gandhi

सार

हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामला अभी भी सक्रिय जांच के अधीन है। एसआईटी अभी भी दस्तावेजों को जुटाने में लगी है। इस केस में कई लोगों की जांच भी की जा रही है।

Robert Vadra in DLF land deal case: डीएलएफ लैंड डील केस में जमीन ट्रांसफर में नियमों का उल्लंघन नहीं किए जाने संबंधी रिपोर्ट के बाद हरियाणा सरकार ने दावा किया कि डीएलएफ केस में राबर्ट बाड्रा को क्लीन चिट नहीं दी गई है। एसआईटी का जांच अभी भी जारी है। हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामला अभी भी सक्रिय जांच के अधीन है। एसआईटी अभी भी दस्तावेजों को जुटाने में लगी है। इस केस में कई लोगों की जांच भी की जा रही है।

शुक्रवार को राज्य सरकार ने कहा कि एसआईटी ने कोई क्लीन चिट राबर्ट बाड्रा को नहीं दी है। पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि एसआईटी की जांच का फोकस सिर्फ राजस्व नुकसान की जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि जांच का उद्देश्य उन सभी लोगों को बेनकाब करना है जो कुछ व्यक्तियों को वित्तीय लाभ देने के लिए आपराधिक साजिश में भी शामिल रहे। मुआवज़ा भी अंडरहैंड डीलिंग शामिल रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई जांच की समीक्षा के बाद पिछले महीने एसआईटी का पुनर्गठन किया गया था। राजस्व के साथ-साथ टाउन और कंट्री प्लानिंग मामलों की जानकारी रखने वाले दो अनुभवी सीनियर सिविल अधिकारियों को भी एस.आई.टी. के साथ जोड़ा गया है ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।

तहसीलदार की रिपोर्ट में किसी भी नियम के उल्लंघन न होने की बात

हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच किए गए लैंड ट्रांसफर की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। गुरुग्राम में मानेसर के तहसीलदार ने एक जांच रिपोर्ट इसकी सब्मिट की है। रिपोर्ट के अनुसार, स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर 2012 को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ (वासिका नंबर 1435 विवादित भूमि) बेची थी। भूमि का यह हस्तांतरण भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 के अनुसार किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लेनदेन में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर क्लीन चिट देने की बात कहना गलत

प्रवक्ता ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों द्वारा इस रिपोर्ट को गलती से 'क्लीन चिट' के रूप में पेश किया जा रहा है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की जांच की बारीकी से निगरानी कर रहा है। इस संबंध में सीडब्ल्यूपी-पीआईएल नंबर 29 ऑफ 2021 में प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से अदालत में पेश की जा रही है जिसका शीर्षक कोर्ट ऑन सेल्फ मोशन बनाम पंजाब राज्य और अन्य है। उन्होंने बताया कि एफआईआर संख्या 288/2018 पुलिस स्टेशन खेरकी दौला गुरुग्राम में प्रगति रिपोर्ट भी इस मामले में राज्य द्वारा दायर जवाब का हिस्सा है। इसे क्लीन चिट के रूप में नहीं माना जा सकता। 

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