पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना खास दोस्त बताते थे। डॉ कलाम के पोते ने नरेंद्र मोदी और अब्दुल कलाम की दोस्ती के बारे में खास बातें बताई हैं।
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति और भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) को लोगों ने जयंती के अवसर पर शनिवार को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डॉ कलाम के साथ खास नाता था। उनके पोते एपी जेएमजे शेख सलीम ने इस बारे में खास बातें बताई हैं।
शेख सलीम ने बताया कि एक दिन डॉ कलाम ने मुझसे कहा था कि मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त गुजरात से आ रहा है। मुझे लगा कि उनके कोई दोस्त मिलने आने वाले हैं। इसके तुरंत बाद बहुत सी गाड़ियां घर के बाहर आ गईं। मैंने देखा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ कलाम से मिलने आए हैं। उन्होंने सभी गाड़ियों को घर के बाहर रोक दिया था। वह पैदल चलकर घर के अंदर आए थे। यह मेरे लिए बहुत बड़ा पल था। घटना 2009 की है। मैं तब देश के सबसे महान मुख्यमंत्री से मिल रहा था।
पीएम बनने पर लिया था डॉ कलाम का आशीर्वाद
शेख सलीम ने बताया कि डॉ कलाम हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी के आभारी रहे। नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने डॉ कलाम को उनके आशीर्वाद के लिए फोन किया था। कलाम ने उन्हें देश को आगे ले जाने के लिए विकास के काम करने का सुझाव दिया था। डॉ कलाम ने 2020 में देश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने कहा कि 2015 में डॉ कलाम का निधन हो गया था। हमें नहीं पता था कि क्या करना है। प्रधानमंत्री ऑफिस से दिल्ली में अंतिम संस्कार करने के लिए कॉल आया, लेकिन कलाम के बड़े भाई ने पार्थिव शरीर रामेश्वरम लाने का आग्रह किया। रामेश्वरम में डॉ कलाम का जन्म हुआ था। उनका अंतिम संस्कार भी वहीं होना चाहिए था।
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अंतिम दर्शन के लिए आए थे नरेंद्र मोदी
शेख सलीम ने बताया कि प्रधानमंत्री ने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा सारी व्यवस्था की गई। नरेंद्र मोदी डॉ कलाम के अंतिम दर्शन के लिए आए थे। वह हमारे परिवार से मिले और डॉ कलाम के बड़े भाई को सांत्वना दी।प्रधानमंत्री ने 9 महीने में डॉ कलाम का मेमोरियल बनाए जाने का टारगेट दिया था। प्रधानमंत्री 27 जुलाई 2017 को मेमोरियल का उद्घाटन करना चाहते थे। मेमोरियल का निर्माण DRDO द्वारा किया गया। हर महीने पीएम मेमोरियल के निर्माण में हुई प्रगति की जानकारी लेते थे। प्रधानमंत्री ने संसद में जो वादा किया था उसे निभाया। वह रामेश्वरम आए और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल का उद्घाटन किया।
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