
न्यूज डेस्क. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) से टकराने जा रहा उष्णकटिबंधीय चक्रवात आसनी(Tropical Cyclone Asani) का असर दिखाई देने लगा है। समुद्र में ऊंची लहरे उठने लगी हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद मछुआरों और जहाजों को किनारे लाने तटरक्षक बल एक्टिव हो गया है। भारतीय तटरक्षक बल( Indian Coast Guard) लगातार मछुआरों को समुद्र से बाहर निकालने में लगे हैं। साइक्लोन के कारण अंडमान क्षेत्र का मौसम बिगड़ने लगा है।
Tropical Cyclone Asani: 132 वर्ष बाद आ रहा ऐसा साइक्लोन
मौसम विज्ञानी के मुताबिक इस क्षेत्र में मार्च में पिछले 132 वर्षों में एक भी उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं आया है। इधर, चेतावनी दी गई है कि अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, अंडमान सागर के पास समुद्र की स्थिति खराब बनी रहेगी। इस दौरान हवा की गति 50 किमी से 60 से 70 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
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ऐसा रहेगा मौसम का हाल
इधर, देश में गर्मी अपना रंग दिखाने लगी है। स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। तेलंगाना, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है। जम्मू कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है। जम्मू कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी भी संभव है। राजस्थान और गुजरात सहित मध्य प्रदेश और विदर्भ में तापमान गिरेंगे तथा कई स्थानों से लू की स्थिति में सुधार होगा।
ऐसा है साइक्लोन का असर
स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर एक डिप्रेशन के रूप में केंद्रित हो चुका है। यह अक्षांश 9.8 उत्तर और देशांतर 92.5 पूर्व के करीब था। यह निकोबार के उत्तर-पश्चिम में लगभग 80 किमी और पोर्ट ब्लेयर के दक्षिण-पश्चिम में 210 किमी में स्थित था। इसके अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ उत्तर दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। कहा जा रहा है कि शाम तक यह एक गहरे डिप्रेशन में बदल सकता है। इसके बाद 21 मार्च तक एक चक्रवात में बदल जाएगा। यह 22 मार्च की सुबह तक दक्षिणपूर्व बांग्लादेश तट के लिए उत्तरी म्यांमार पहुंच जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ का असर
पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में देखा जा सकता है। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है। विदर्भ और आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक दबाव की रेखा पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश से विदर्भ के ऊपर चक्रवाती सर्कुलेशन से होते हुए आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है।
ऐसा रहा बीते दिन का मौसम
स्काईमेटवेदर(skymetweather) के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, केरल, आंतरिक तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। सिक्किम, लक्षद्वीप, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में छिटपुट बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश, जम्मू क्षेत्र, पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों और पश्चिमी मध्य प्रदेश और विदर्भ के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति देखी गई।