बच्चों या नाबालिगों का चुनाव प्रचार पोस्टर्स या रैलियों में इस्तेमाल पर लगा बैन, ECI ने लोकसभा चुनाव के पहले गाइडलाइन किया जारी

आयोग ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि अगर किसी भी दल या किसी संगठन द्वारा ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ बालश्रम कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ECI guidelines for minors: भारत चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले नाबालिगों के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है। चुनाव आयोग ने बच्चों को रैलियों में भागीदारी या पोस्टर्स में इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। आयोग ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि अगर किसी भी दल या किसी संगठन द्वारा ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ बालश्रम कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

न पोस्टर चिपकाएंगे न पर्चा लेकर घूमेंगे

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चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन में सख्त आदेश दिया है कि कोई भी राजनैतिक दल या कोई संगठन नाबालिगों का इस्तेमाल पोस्टर्स चिपकाने या पर्चा बांटने के लिए नहीं करेगा। पार्टी का झंडा लेकर बच्चों को घूमाना भी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। आयोग के अनुसार, किसी प्रकार की चुनावी या प्रचार गतिविधियों में बच्चों या नाबालिगों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

आयोग ने कहा कि चुनाव संबंधी कार्यों, चुनाव अभियान गतिविधियों में बच्चों का नहीं इस्तेमाल किया जाना है। तमाम जगहों पर बच्चे कविता पाठ करते, चुनावी नारा लगाते या किसी राजनैतिक दल या कैंडिडेट के पक्ष में उनके चुनाव चिन्ह का प्रदर्शन करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसी किसी भी गतिविधि में बच्चों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है।

उल्लंघन करने पर क्या होगी कार्रवाई?

चुनाव आयोग ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि अगर कोई राजनीतिक दल या कोई कैंडिडेट या कोई संगठन चुनाव गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ बालश्रम कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर को कार्रवाई के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। राजनैतिक दलों या कैंडिडेट्स को बालश्रम अधिनियम 1986 का अनुपालन करना और कराना अत्यंत आवश्यक है। 

दरअसल, चुनाव आयोग का नया दिशानिर्देश, बांबे हाईकोर्ट के आदेश के बाद आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि कोई भी राजनैतिक दल अपने चुनाव प्रचार में बच्चों को शामिल न करें। कोर्ट ने सभी राजनैतिक दलों को यह कहा था कि वह स्वयं सुनिश्चित करें और अपने कैंडिडेट्स को भी बच्चों के इस्तेमाल की अनुमति न दें।

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