सीबीआई के एफआईआर को संज्ञान में लेने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया है। ईडी अब इस केस में यह जांच करेगी कि आबकारी नीति में हुई अनियमितता के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग किया गया या नहीं।
नई दिल्ली। हाईप्रोफाइल केस बन चुके दिल्ली एक्साइज पॉलिसी करप्शन मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो चुकी है। सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर पहले ही जांच शुरू कर दी थी। एफआईआर को सीबीआई ने ईडी के साथ भी शेयर किया था। अब ईडी ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। सीबीआई रेड के बाद अब ईडी भी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछताछ कर सकती है।
ईडी ने भी बनाया है 15 लोगों को आरोपी
दरअसल, सीबीआई के एफआईआर को संज्ञान में लेने के बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया है। ईडी अब इस केस में यह जांच करेगी कि आबकारी नीति में हुई अनियमितता के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग किया गया या नहीं। दरअसल, आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर को लागू किया गया था। दिल्ली में इसके तहत प्राइवेट टेडर्स जारी करके शहर के 32 क्षेत्रों में विभाजित 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे।
19 अगस्त को सीबीआई ने किया था रेड
सीबीआई ने 19 अगस्त को दिल्ली आबकारी नीति करप्शन केस में रेड की थी। एक दिन पहले एफआईआर दर्ज करने के अगले दिन सीबीआई ने सात राज्यों के 31 स्थानों पर रेड किया था। सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर रेड कर करीब 14 घंटे तक तलाशी ली थी।
दो टॉप ब्यूरोक्रेट्स को किया गया है सस्पेंड
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (Arava Gopi Krishna) और उपायुक्त आनंद तिवारी (Anand Tiwari) को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने 11 अधिकारियों के सस्पेंशन की सिफारिश गृह मंत्रालय से की थी। सोमवार को उप राज्यपाल की सिफारिश पर मुहर लगाते हुए मंत्रालय ने दो नौकरशाहों के निलंबन का आदेश जारी किया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीते साल नई आबकारी नीति लाई थी। दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। बताया जा रहा है कि इस नीति के माध्यम से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करीबियों को लाभ पहुंचाया और उनके खास लोगों के माध्यम से करोड़ों रुपयों का ट्रांसफर किया गया है। बीते दिनों दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। गुरुवार को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सीबीआई के एफआईआर में आरव गोपी कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के अलावा नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने एफआईआर में कुल नौ निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। लेकिन 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के एमडी समीर महेंद्रू, महादेव लिकर्स के सन्नी मारवाह और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई के अलावा अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जबकि 9वें आरोपी पर्नोड रिकार्ड के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मनोज राय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है।
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