कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को घर लाने के लिए ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं। इस बीच डराने वाली खबर है कि पिछले चार दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यहां पहुंचने वाला करीब हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को घर लाने के लिए ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं। इस बीच डराने वाली खबर है कि पिछले चार दिनों में बिहार में 400 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यहां पहुंचने वाला करीब हर चौथा शख्स कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है।
दिल्ली से आया हर चौथा मजदूर कोरोना पॉजिटिव
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखे तो राज्यों से विशेष ट्रेनों से आए प्रवासी मजदूरों में से 8337 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 651 पॉजिटिव पाए गए। दिल्ली से आए 835 लोगों के नमूनों की जांच की गई, जिसमें 218 लोग पॉजिटिव पाए गए। यानी हर चौथा प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव निकला।
पश्चिम बंगाल से आए 12% मजदूर कोरोना पॉजिटिव
पश्चिम बंगाल से आने वाले 12% प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए। महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासी मजदूरों में 11% मजदूर कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
बिहार में आने वाले 8% मजदूर कोरोना पॉजिटिव
अब तक लगभग साढ़े चार लाख प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो चुकी है। लेकिन उनमें से मात्र 8337 के नमूमों की जांच में 651 पॉजिटिव पाए गये हैं। यह कुल टेस्टिंग का 8% है। 18 राज्यों से ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए कार्यक्रम बनाए गए हैं। ट्रेनों से आने वाले लोगों को स्टेशन पर से ही बसों के माध्यम से विभिन्न जिलों के मुख्यालयों तक भेजा जा रहा है, जहां से उन्हें क्वारेंटीन सेंटर पर भेजा जा रहा है। इसके लिये 4500 बसों को लगाया गया है।