47 नई साइटों पर पुरातत्व की खोज करेगी ASI, अयोध्या में गोमती नदी से लेकर दिल्ली का पुराना किला भी शामिल

गुजरात में कच्छ की खाड़ी और उत्तर प्रदेश में अयोध्या में गोमती नदी सहित देश भर में कई जगहों पर पुरातत्व अवशेषों का पता करने खुदाई के काम को ASI ने मंजूरी दे दी है। एक सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

Amitabh Budholiya | Published : Feb 15, 2023 2:39 AM IST / Updated: Feb 15 2023, 08:12 AM IST

नई दिल्ली. गुजरात में कच्छ की खाड़ी और उत्तर प्रदेश में अयोध्या में गोमती नदी सहित देश भर में कई जगहों पर पुरातत्व अवशेषों का पता करने खुदाई के काम को आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया(ASI) ने मंजूरी दे दी है। एक सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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ASI ने ट्वीट में साइटों की लिस्ट जारी की है। इसमें एएसआई (31 साइटों), विभिन्न राज्य सरकारों (16 साइटों) या विश्वविद्यालयों द्वारा की जाने वाली खुदाई शामिल है। इसमें लिखा गया- “वर्ष 2022-23 के लिए @ASIGoI द्वारा दी गई पुरातत्व उत्खनन(archaeological excavations) की पहली लिस्ट। जिन 31 स्थलों की लिस्ट में; जहां एएसआई खुदाई करेगा, दिल्ली में पुराना किला भी शामिल है जहां हाल ही में खुदाई का एक नया दौर शुरू हुआ था।

31 स्थलों की सूची में अन्य स्थलों में शामिल हैं, महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में बीबी का मकबरा, राखीगढ़ी जिला, हरियाणा; सेंट ऑगस्टाइन चर्च, गुजरात में कच्छ की खाड़ी के साथ ओल्ड गोवा।

16 स्थलों की सूची में, जहां संबंधित राज्य सरकार द्वारा उत्खनन किया जाएगा, ये स्थल हैं - असम में प्रतिमा गढ़ और आसपास के क्षेत्र; और तमिलनाडु में वेम्बाकोट्टई।

जबकि विश्वविद्यालयों द्वारा खुदाई की जाने वाली कुछ साइटों की सूची में अयोध्या जिले में रुदौली तहसील में गोमती नदी के किनारे, वाराणसी में महावन और कच्छ जिले में भी शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा कि भारत में की जाने वाली किसी भी खुदाई, जिसमें राज्य या कोई अन्य संस्था, सार्वजनिक या निजी शामिल है, को एएसआई द्वारा अपूव्ड किया जाना है।

इधर, देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन संरक्षित करीब 24 स्मारक मिल नहीं रहे हैं। इन्हें ढूंढ़ने पिछले 9 साल से कवायद जारी है। इनमें 10 स्मारक उत्तर प्रदेश के है, जबकि दो-दो दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र के भी है। देश में एएसआई संरक्षित करीब 37 सौ केंद्रीय स्मारक है। इनमें सबसे अधिक 743 अकेले उत्तर प्रदेश में है, जबकि दूसरे नंबर पर कर्नाटक में 506 स्मारक है। इनकी सुरक्षा के लिए ASI के पास पर्याप्त अमला नहीं है। 

जब 2013 में भारत के महानियंत्रक लेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में देश के करीब 92 स्मारकों के गायब होने का खुलासा किया, तब सरकार एक्टिव हुई। हालांकि इनमें से 68 को खोज लिया गया है।

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