सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों के पासपोर्ट और वीजा होंगे रद्द! किसान आंदोलन के बीच हरियाणा पुलिस का बड़ा फैसला

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

sourav kumar | Published : Feb 29, 2024 5:01 AM IST / Updated: Feb 29 2024, 10:39 AM IST

किसान आंदोलन। जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा पुलिस ने बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर हिंसा में शामिल और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों के पासपोर्ट और वीजा रद्द करने का फैसला किया है। इस फैसले पर जानकारी देते हुए अंबाला के पुलिस उपाधीक्षक जोगिंदर शर्मा ने कहा कि पुलिस ने किसानों के विरोध में शामिल लोगों की पहचान कर ली है, जिन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। 

उन्होंने कहा कि हमने सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से उनकी पहचान की है। हम गृह मंत्रालय और दूतावास से उनके वीजा और पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध करेंगे।उनकी तस्वीरें, नाम और पता पासपोर्ट कार्यालय को दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा  और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। 

इसके अलावा पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए  भूमि अधिग्रहण की बहाली की भी मांग कर रहे हैं।

बीते 13 फरवरी से जारी है किसानों का प्रदर्शन

बीते 13 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने कथित तौर पर ट्रैक्टरों से सीमेंट और कंटीले तारों की बाड़ हटा दिया। इसके बाद सीमा पर उन्हें रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए मल्टी-लेयर बैरिकेड्स को क्षतिग्रस्त कर दिया। किसान पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने और दिल्ली जाने के लिए शंभू सीमा पार करने के लिए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। 

यहां तक कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस बंदोबस्त का उल्लंघन करने से रोकने के लिए ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन किसानों को जबरन बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करते देखा गया।

Share this article
click me!