किसानों ने नहीं पुलिस ने दिल्ली बार्डर को बंद किया था, सुप्रीम कोर्ट में वीडियो दिखाने के बाद बैकफुट पर पुलिस

तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से बड़ी संख्या में किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 28, 2021 5:44 PM IST

नई दिल्ली। किसान आंदोलन (Kisan Andolan)के कारण दिल्ली बार्डर (Delhi Border)के सड़कों को जल्द खोला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस जल्दी-जल्दी सड़कों पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाने में लगी है। दिल्ली के टिकरी सीमा (Tikri Border) पर किसानों के विरोध में दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए रोडब्लॉक (roadblocks) को गुरुवार को स्थानांतरित किया जा रहा था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वीडियो दिखाया गया जिसमें यह बताया गया था कि यातायात किसान नहीं बल्कि अधिकारियों व पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोक रखा है।

किसानों के आंदोलन के दौरान दिल्ली बार्डर पर बैरिकेड्स

केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पिछले नवंबर में जब किसान राजधानी दिल्ली के चारों ओर विभिन्न सीमा पर एकत्र हो गए और तभी से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने सड़कों पर हर तरफ बैरिकेड्स, बडे़-बडे़ कील और कंक्रीट ब्लॉक लगा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि किसानों ने रोका रास्ता

सरकार के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि किसान रास्ता रोके हुए हैं। इससे हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है। पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों को आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन वे अनिश्चित काल के लिए सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते। हालांकि, किसानों ने अदालत को बताया कि पुलिस ने ही बैरिकेड्स लगाए थे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अधिकारियों ने किया था दौरा

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा और पुलिस प्रमुख पीके अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सीमा का दौरा किया और यह भी पाया कि दिल्ली पुलिस द्वारा सीमा को सील कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद हटने लगे बैरिकेड्स

हरियाणा और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच एक बैठक बुलाई गई। दोनों के बीच एक समझौता हुआ जिसके परिणामस्वरूप अब अर्थमूवर और बुलडोजर द्वारा बैरिकेड्स को साफ किया जा रहा है। हालाँकि, सड़कों को पूरी तरह से खुलने में कुछ दिन लग सकते हैं और प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा लगाए गए मंच के पास लगाए गए बैरिकेड्स को हटाया जाना बाकी है।

दिल्ली पुलिस ने दी सफाई

बैरिकेड्स हटाने के कुछ घंटे बाद दिल्ली पुलिस प्रमुख राकेश अस्थाना ने दावा किया कि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में "सड़कों को बंद नहीं किया है" और यह विरोध करने वाले किसान हैं जिन्होंने सीमा पर तंबू लगाए हैं जो मार्ग अवरुद्ध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली का रास्ता बंद नहीं किया है। जब कानून-व्यवस्था की समस्या थी तो दिल्ली में बैरिकेडिंग की गई थी, यह आवश्यक था। तब से, सीमा के दूसरी तरफ टेंट लगाए गए हैं, जिसके कारण सड़कें बंद हैं।

एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं आंदोलनकारी किसान

तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से बड़ी संख्या में किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

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