8वें दौर की मीटिंग खत्म: नहीं निकला हल, 8 जनवरी को फिर से होगी मुलाकात, जानें आज कहां अटकी बात ?

Published : Jan 04, 2021, 12:33 PM ISTUpdated : Jan 04, 2021, 06:19 PM IST
8वें दौर की मीटिंग खत्म: नहीं निकला हल, 8 जनवरी को फिर से होगी मुलाकात, जानें आज कहां अटकी बात ?

सार

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत खत्म हो गई। बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर अड़े रहे। सरकार के मंत्रियों ने कहा कि वे एक बार फिर से किसान संगठनों से बात करेंगे। दोनों पक्षों के बीच 8 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होगी।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 40वीं दिन है। किसान और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में हुई। सरकार ने उम्मीद जताई थी कि आंदोलन पर बात बन जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मीटिंग बेनतीजा हुई। 

अपडेट्स...

बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है।"

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। हमने बता दिया है कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।"

"हमने बताया कि पहले कृषि कानूनों को वापिस किया जाए। MSP पर बात बाद में करेंगे। 8 तारीख तक का समय सरकार ने मांगा है। उन्होंने कहा कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये कानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो।"

8वें दौर की मीटिंग खत्म
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत खत्म हो गई। बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर अड़े रहे। सरकार के मंत्रियों ने कहा कि वे एक बार फिर से किसान संगठनों से बात करेंगे। दोनों पक्षों के बीच 8 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होगी।

सरकार ने की संयुक्त कमेटी की बात, राजी नहीं हुआ किसान
एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर सरकार ने कहा कि एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या-क्या संशोधन किए जाने चाहिए। लेकिन किसान संगठनों ने इसे खारिज कर दिया।

"आप अपना खाना खाइए, हम आपना खाना खाएंगे"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत में लंच के दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और राज्यमंत्री सोम प्रकाश से कहा कि आज हम आपके साथ खाना नहीं खाएंगे। आप अपना खाना खाइए और हम अपना खाना खाएंगे।

विज्ञान भवन: लंगर में किसानों ने खाया खाना
किसानों ने लंगर से मंगवाया हुआ खाना खाया। इससे पहले भी बातचीत के दौरान किसानों ने लंगर का खाना ही खाया।

बातचीत के दौरान लंच टाइम में खाना खाते किसान।

सरकार से बातचीत के लिए किसान विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और अन्य मंत्री शामिल होंगे।

हर 16 घंटे में मर रहा है एक किसान
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन के दौरान अब तक 60 किसानों की जान जा चुकी है। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। सरकार की जवाबदेही बनती है।

बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को टैक्ट्ररों पर मार्च
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा, अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं। 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा। 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी।

 

30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर बनी थी सहमति
सरकार और किसानों के बीच सांतवें दौर की बातचीत 30 दिसंबर को हुई थी, जिसमें दो मुद्दों पर सहमति बनी थी।

  • पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे। अभी 1 करोड़ रुपए जुर्माना और 5 साल की कैद का प्रावधान है। सरकार ने इसे हटाने पर हामी भर दी है।
  • बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं किया जाएगा। किसानों का आशंका है कि इस कानून से बिजली सब्सिडी बंद हो जाएगी। अब यह कानून नहीं बनेगा। 

 

वो 2 मुद्दे, जिसपर बात बनना बाकी है

  • किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं
  • किसानों की मांग है कि एमएसपी पर अलग से कानून बने। ताकि उन्हें सही दाम मिल सके।

 

बात नहीं बनी तो कैसे आंदोलन करेंगे तेज

  • 6 जनवरी से देश में जागृति पखवाड़ा मनाएंगे।
  • 13 जनवरी को किसान संकल्प दिवस मनाएंगे।
  • 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा।
  • 23 जनवरी को राजभवनों के बाहर किसान डेरा डालेंगे।
  • 26 जनवरी को दिल्ली में किसान गणतंत्र परेड निकालेंगे।
     

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