संसद का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया। 1 फरवरी को बजट पेश होना है। इससे पहले शुक्रवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे 2020-21 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया है। इस आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष यानी 2022 में GDP ग्रोथ रेट 11% रह सकता है।
नई दिल्ली. संसद का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया। 1 फरवरी को बजट पेश होना है। इससे पहले शुक्रवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे 2020-21 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया है। इस आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष यानी 2022 में GDP ग्रोथ रेट 11% रह सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण की बड़ी बातें
- नए वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर में तेज उछाल आने की संभावना है।
- चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी -7.7 फीसदी होगी यानी इसमें 7.7 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
- अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
- वित्त वर्ष 2021-22 में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।
- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इस साल खेती ही अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहारा है। विकास दर 3.4% रहने की उम्मीद है।
- इंडस्ट्री में मौजूदा वित्त वर्ष में 9.6% गिरावट रहने की आशंका है।
- सर्विस सेक्टर की ग्रोथ भी -8.8% रहेगी।
- सर्वे में कृषि कानूनों को छोटे किसानों के लिए फायदेमंद बताया है। इसके मुताबिक, किसानों के पास होल सेलर और बड़े रिटेलर्स के साथ सौदा करते वक्त ज्यादा अधिकार होंगे।
- सर्वे में हेल्थकेयर पर सरकारी खर्च जीडीपी का 2.5 से 3% तक ले जाने की बात कही गई है।
- अर्थव्यवस्था को पांचवें से तीसरे स्थान पर ले जाने के लिए इनोवेशन पर ध्यान देने की जरूरत।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, कौन बनाता है इसे?
यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा आर्थिक सर्वेक्षण है। हर साल बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। इस सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व में एक टीम बनाती है।
आर्थिक सर्वेक्षण एक साल की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट होती है। इसमें अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख चुनौतियों और उनसे निपटने का जिक्र होता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व में इसे बनाया जाता है। इस बार आर्थिक सर्वेक्षण को सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है।
कब पेश हुआ था पहला आर्थिक सर्वेक्षण
वित्त मंत्री बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण को पेश करते हैं। भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। पहले बजट के समय ही इसे पेश किया जाता था। 1964 से वित्त मंत्रालय बजट से एक दिन पहले सर्वेक्षण जारी करता आ रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक स्थिति को दिखाता है। यह सर्वेक्षण पैसे की आपूर्ति, बुनियादी ढांचे, कृषि और औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमतों, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा भंडार के साथ अन्य प्रांसगिक कारकों का विश्लेषण करता है।