चुनावी बांड से चंदे में इन 5 क्षेत्रीय दलों ने मारी बाजी, जानें किस पार्टी की कितनी बढ़ गई कमाई

Published : Dec 16, 2023, 12:02 PM IST
1 rupee coin money currency

सार

हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022-23 में चुनावी बांड के माध्यम से 5 क्षेत्रीय दलों ने 1,243 करोड़ रुपए का चंदा इकट्ठा किया है। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल के आंकड़े से काफी कम है। 

Electoral Bonds. राजनैतिक दलों को मिलने वाले चंदे में यह बात सामने आई है कि देश की 5 क्षेत्रीय पार्टियों ने 2022-23 में चुनावी बांड के जरिए 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा इकट्ठा किया है। इनमें से सबसे ज्यादा चंदा तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति ने जमा किया है। बीआरएस को पिछले साल के मुकाबले 3.4 बार अधिक का चुनावी चंदा मिला है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने चंदे का करीब 97 प्रतिशत चुनावी बांड के जरिए ही प्राप्त किया है। डीएमके ने 86 प्रतिशत, बीजू जनता दल ने 84 प्रतिशत, वाईएसआर कांग्रेस ने 70 प्रतिशत, बीआरएस ने 71 प्रतिशत चंदा चुनावी बांड से प्राप्त किया है। आम आदमी पार्टी ने 36.4 करोड़ रुपए चुनावी बांड के जरिए प्राप्त किया है।

इन पांच क्षेत्रीय दलों को सबसे ज्यादा चंदा

पांच क्षेत्रीय दल जिसमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बीजू जनता दल (बीजेडी), वाईएसआर कांग्रेस और डीएमके पार्टी ने 1,243 करोड़ रुपए का चंदा सिर्फ चुनावी बांड के जरिए प्राप्त किया है। जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 1,338 करोड़ रुपए था। बीआरएस ने करीब साढ़े तीन गुना ज्यादा कमाई चुनावी बांड से ही की है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने चंदे का करीब 97 प्रतिशत चुनावी बांड के जरिए ही प्राप्त किया है। डीएमके ने 86 प्रतिशत, बीजू जनता दल ने 84 प्रतिशत, वाईएसआर कांग्रेस ने 70 प्रतिशत, बीआरएस ने 71 प्रतिशत चंदा चुनावी बांड से प्राप्त किया है। आम आदमी पार्टी ने 36.4 करोड़ रुपए चुनावी बांड के जरिए पाया है।

इन पार्टियों को कितना मिला चंदा

अब राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी आम आदमी पार्टी ने 36.4 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बांड के माध्यम से प्राप्त किया है। आप को 2021-22 के दौरान 25.1 करोड़ रुपए मिले थे और यह बढ़कर 36 करोड़ से ज्यादा हो गया है। पार्टी की कुल कमाई 2022-23 में 85.2 करोड़ है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा करीब 44.5 करोड़ रुपए ही था। पार्टी का कुल खर्च करीब 330 प्रतिशत बढ़ा है और सिर्फ विज्ञापन ही 58 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किया गया है। पार्टी के दिल्ली और पंजाब कार्यालय की कमाई भी काफी बढ़ गई है।

चुनाव आयोग ने जारी किया है रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने 2022-23 का वार्षिक रिपोर्ट जारी किया है। इसमें क्षेत्रीय पार्टियों की इनकम दर्शाई गई है। बीआरएस को सबसे ज्यादा चुनावी बांड से फायदा मिला है। जानकारी के लिए बता दें कि चुनावी बांड को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई और इसे पारदर्शी बनाने की डिमांड हुई है।

यह भी पढ़ें

सुसाइड प्लान से लेकर पॉलिटकल पार्टी तक...जानें संसद में धुआं फैलाने वालों का शॉकिंग खुलासा

 

 

PREV

Recommended Stories

IndiGo Voucher Mystery: किन यात्रियों को मिलेंगे 10,000 रुपये के ट्रैवल वाउचर?
पार्लियामेंट में कौन पी रहा था ई-सिगरेट? BJP सांसद अनुराग ठाकुर का TMC पर सनसनीखेज आरोप