Rajya Sabha Election: विदेश मंत्री एस जयशंकर का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय, बढ़ी भाजपा की ताकत, इतनी हुई संख्या

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय हो गया है। उनके खिलाफ किसी प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन समेत 11 नेताओं का भी निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है।

Vivek Kumar | Published : Jul 17, 2023 8:55 AM IST / Updated: Jul 17 2023, 02:31 PM IST

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर और तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन समेत 11 नेताओं का राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। सोमवार नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। इन 11 नेताओं के खिलाफ किसी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं कराया है। जिन सीटों के लिए एक से अधिक प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया है उनपर 24 जुलाई को मतदान होगा।

पश्चिम बंगाल की छह सीटों के लिए मतदान नहीं होगा। इसके साथ ही गुजरात की तीन सीटों और गोवा की एक सीट के लिए मतदान नहीं होगा। इन सीटों पर सिर्फ एक प्रत्याशी ने नामांकन किया है। तृणमूल कांग्रेस के छह और भाजपा के पांच प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन, साकेत गोखले, समीरुल इस्लाम और प्रकाश बारिक राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए हैं। पश्चिम बंगाल में एक राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी तृणमूल ने जीत हासिल की है।

एस जयशंकर ने दूसरी बार जीता राज्यसभा चुनाव

एस जयशंकर ने दूसरी बार राज्यसभा चुनाव जीता है। उसके साथ ही भाजपा नेता बाबूभाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला भी गुजरात से निर्विरोध चुने गए हैं। भाजपा प्रत्याशी अनंत महाराज (पश्चिम बंगाल से) और सदानंद शेट तनावडे (गोवा से) भी चुनाव जीत गए हैं।

राज्यसभा में बढ़ी भाजपा की ताकत, फिर भी सरकार के पास नहीं बहुमत

इसके साथ ही राज्यसभा में भाजपा की ताकत भी बढ़ गई है। उसे एक सीट का फायदा हुआ है। राज्यसभा में भाजपा के 93 सदस्य हैं। यहां सरकार के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा के कुल सीटों की संख्या 245 है। कांग्रेस को राज्यसभा में एक सीट का नुकसान हुआ है। उसके सदस्यों की संख्या 30 से कम होने का अनुमान है। 

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24 जुलाई के बाद राज्यसभा में सात सीटें खाली हो जाएंगी। इसमें जम्मू-कश्मीर में चार सीटें, दो मनोनीत और उत्तर प्रदेश में एक खाली सीट हैं। इसके साथ ही राज्यसभा में कुल सीटें घटकर 238 रह जाएंगी और बहुमत का आंकड़ा 120 होगा। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास कुल 105 सीटें होंगी। भाजपा को पांच नामांकित और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी मिल सकता है। इसके बाद भी सरकार के पक्ष में सदस्यों की संख्या 112 होगी। यह बहुमत के आंकड़े से आठ कम है।

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